सच्ची भक्ति हो तो भगवान भक्त की सहायता करते है जरूर- दाधीच

सच्ची भक्ति हो तो भगवान भक्त की सहायता करते है जरूर- दाधीच
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भीलवाडा। नानी बाई रो मायरो महोत्सव सेवा समिति संयोजक इन्द्र कुमार तिवाडी ने बताया कि नानी बाई रो मायरो महोत्सव सेवा समिति के तत्वावधान में मालोला रोड गायत्रीनगर में भगवान की आरती के पश्चात नानी बाई रो मायरा कथा प्रारम्भ हुई। नानी बाई रो मायरो कथा में व्यास पीठ से बोलते हुए राष्ट्रीय कथावाचिका बाल व्यास दीपा दाधीच ने बताया कि नरसी मेहता को नगर अंजार आये 4 दिन बीत गये परन्तु किसी ने भी उनकी सार-संभाल नहीं ली। जब श्री रंग जी को नरसी मेहता का पता लगा तो श्री रंग जी ने नरसी मेहता की आवभगत नहीं की। श्री रंग जी की पत्नी ने सोचा कि नरसी मेहता को आये 4 दिन बीत गये परन्तु हमने उनकी कोई सार-संभाल नहीं की, बेचारा नरसी 16 संतों के साथ भूखा-प्यासा मर जायेगा। तब श्री रंग जी की पत्नी ने नरसी मेहता को अपन महल में बुलवाया और उनके तिलक किया और नेक मांगा। नरसी मेहता ने कहा कि हमारा पास तो लेने और देने के लिये भगवान राम का नाम और तुलसी जी की माला है। श्री रंग जी पत्नी ने नरसी मेहता का तिलक पौंछ दिया। नरसी मेहता ने स्नान करने के लिए पानी मांगा तो नरसी मेहता को ठण्डा पानी दे दिया, नरसी मेहता ने कहा ब्याणजी थोडा पानी गर्म कर दो तो नानीबाई की सासूजी नाराज हो गई और बोली कभी ठण्डा, कभी गर्म। नरसी मेहता ने भगवान को याद किया तो भगवान ने माघ के महिने में सावन ला दिया बहुत तेज बरसात हुई। बाद में नरसी मेहता को श्रीरंग जी ने भोजन कराया। ठण्डी बासी खीचडी परोसी। नरसी मेहता ने भगवान के भोग लगाया तो खीचडी गरम हो गई व चावल खीर बन गए। उनको पता लगा कि मेरे डेरे में भगवान आऐ है तो वे भगवान से मिलने डेरे पर गऐ। भगवान की सच्ची भक्ति होती है तो भगवान अवश्य ही भगत की सहायता करने आते है। भगवान राधा रूकमण के साथ नगर अंजार पहुॅचे वे नरसी मेहता से मिले, मिलकर नानी बाई रो का मायरा भरने के लिए श्री रंगजी के यहां गये भगवान ने नानी बाई को चुन्दरी ओडाई एवं 56 करोड का मायरा भरा। अन्त में भगवान की आरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया।
इस अवसर पर लोकेश शर्मा, रामपाल शर्मा, नारूलाल शर्मा, सत्यनारायण भट्ट, देवीलाल सांखला, गोपीराम महाराज, भंवर सिंह सिसोदिया, संतोष आचार्य, हरीप्रकाश शर्मा, मधुबाला शर्मा, रामस्वरूप शर्मा, सहित सैकडो की संख्या में महिलाए पुरूष भक्त उपस्थित थे।

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