पीसीओएस की समस्या से हैं परेशान, तो भूलकर भी न खाएं ये चीज़ें

पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम महिलाओं में इन दिनों आम बीमारी बन गई है। एक्सपर्ट के अनुसार, बदलती लाइफस्टाइल, गलत खानपान, तनाव, अनियमित पीरियड्स के कारण महिलाओं में यह समस्या होती है। इस बीमारी का खतरा 18 से लेकर 45 तक की महिलाओं में ज्यादा रहता है।
पीसीओएस क्या है?
पीसीओएस एक हार्मोनल बीमारी है। जिन महिलाओं को लंबे समय तक पीरियड्स नहीं आते। उनमें पीसीओएस होने की संभावना रहती है। यह समस्या मेनोपॉज तक रह सकती है।
पीसीओएस से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। पीसीओएस में अनियमित पीरियड्स, चेहरे और शरीर पर बालों का अधिक बढ़ना और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, लगभग 6 से 12 प्रतिशत महिलाएं अपने प्रसव के दौरान पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) से प्रभावित होती हैं।
किसी भी बीमारी को कंट्रोल करने में डाइट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। क्योंकि ये शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति करते हैं, जिससे आप गंभीर बीमारियों से बचे रहेंगे। महिलाओं में बढ़ता वजन पीसीओएस के जोखिम को बढ़ा सकता है, इसलिए हेल्दी डाइट और व्यायाम की मदद से आप वजन को कंट्रोल कर सकते हैं।
PCOS में कौन-से फूड्स नुकसानदायक हो सकते हैं
एक्सपर्ट के अनुसार, आपको कुछ ऐसे फूड्स को खाने से बचना चाहिए। जो पीसीओएस की समस्या को बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं, इसके बारे में...
- फ्राइड फूड्स जैसे फ्रेंच फ्राइज़, चिप्स और तली हुई चिकन या मछली खाने से बचें। इन फूड्स में फैट और कैलोरिज अधिक होता है।
- प्रोसेस्ड फूड्स जैसे- चिप्स, मफिन्स, ब्रेड आदि इन सबमें चीनी अधिक होती है। इसके अलावा जरूरत से ज्यादा चाय और सोडा भी पीने से बचें।
- मैदा, सफेद चावल, चॉकलेट, व्हाइट ब्रेड, आलू और पेस्ट्री जैसे खाद्य पदार्थों को पीसीओएस की समस्या में न खाएं।
- रिफाइंड कार्ब्स शरीर में अधिक इंसुलिन उत्पन्न करने का कारण बनते हैं, जिससे डायबिटीज होता है।
