अगर ऐसे गाड़ी चलाते हैं तो आंखों से दिखना हो जाता है कम… ड्राइविंग का ये साइंस बहुत कम लोग जानते हैं

अगर ऐसे गाड़ी चलाते हैं तो आंखों से दिखना हो जाता है कम… ड्राइविंग का ये साइंस बहुत कम लोग जानते हैं
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ये तो आप हमेशा से सुनते आए हैं कि गाड़ी की स्पीड एक लिमिट में रखनी चाहिए. तेज स्पीड से एक्सीडेंट होने के चांस काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं. अक्सर खबरें भी आती हैं कि तेज स्पीड की वजह से गाड़ियों की भिड़ंत हो गई है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि तेज स्पीड की वजह से सिर्फ आपकी कार आउट ऑफ कंट्रोल ही नहीं होती है, बल्कि इस वजह से आपके आंखों के विजन पर भी फर्क पड़ता है. जी हां, जितनी तेज स्पीड होती है, उतना ही आंखों के विजन पर भी असर पड़ने लगता है और उससे भी एक्सीडेंट की संभावना बढ़ जाती है.

ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि स्पीड से आंखों की रोशनी किस तरह से प्रभावित होती है और किस वजह से एक्सीडेंट की संभावना बढ़ जाती है. तो आज हम आपको स्पीड के हिसाब से बताते हैं कि आंखों के विजन पर कितना असर पड़ता है…

क्या है स्पीड और आंखों की रोशनी का कनेक्शन?

कहा जाता है कि जब भी आप गाड़ी चलाते हैं तो आपकी आंखे सबसे अहम सिक्योरिटी फीचर का किरदार निभाते हैं. दरअसल, आंखों के विजन के जरिए 80 फीसदी तक एक्सीडेंट की घटनाएं कम हो सकती हैं. इसलिए अगर आप गाड़ी चलाते हैं तो आंखों के विजन का खास ख्याल रखें. जब भी कोई व्यक्ति गाड़ी चलाता है तो आंखों के विजन पर ही 90 फीसदी तक ड्राइविंग टिकी होती है. ऐसे में कार की स्पीड इस विजन को प्रभावित करती है.

दरअसल, जितनी तेज गाड़ी की स्पीड होती है, उतना ही कम आंखों का विजन आता है. वहीं, कम स्पीड में आप ज्यादा एरिया कवर कर पाते हैं और ज्यादा चौड़ाई तक और सड़क के आसपास भी देख पाते हैं. कम स्पीड में ज्यादा एरिया कवर होता है और आप सड़क के साथ इसके आसपास का एरिया भी कवर पाते हैं. तो समझते हैं कि कितनी ज्यादा स्पीड से कितना विजन कम हो जाता है…

 

  1. अगर आप 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं तो ड्राइवर की आंखों का विजन 100 डिग्री होता है. इससे आप सड़क के किनारों पर होने वाली हलचल को भी देख सकते हैं.
  2. वहीं, अगर स्पीड 70 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से हो तो 75 डिग्री तक विजन रहता है और सड़के के किनारे की हलचल दिखना कम हो जाती है.
  3. अगर स्पीड 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रहती है तो ड्राइवर सिर्फ सड़क के बीच का ही देख पाते हैं और विजन 45 डिग्री तक रह पाता है. उनकी नजर सड़क पर ही रहती है और अगर किनारे से कोई सड़क पर आता है तो उस स्थिति में दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है.
  4. वहीं, अगर स्पीड 130 से ज्यादा हो जाती है तो स्पीड विजन 30 फीसदी तक ही रहता है. इससे ड्राइवर कार की चौड़ाई जितना ही देख पाता है. ऐसे में एक्सीडेंट होने के चांस काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं.
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