खरीदनी है पुरानी कार, तो ऑडोमीटर में छेड़छाड़ का किस तरह लगाएं पता, जानें सबकुछ
अक्सर पुरानी कार बेचते हुए कार के स्पीडोमीटर में छेड़खानी की जाती है। जिससे कार के किलोमीटर कम करके ज्यादा कीमत पाई जा सके। हम इस खबर में आपको कुछ ऐसी जानकारी दे रहे हैं। जिनको ध्यान में रखकर ऑडोमीटर में छेड़छाड़ का आसानी से पता लगाया जा सकता है।
होती है छेड़छाड़
पुरानी कार को बेचने से पहले अक्सर लोग कार के ऑडोमीटर से छेड़छाड़ करते हैं। ज्यादातर लोगों का मानना होता है कि आजकल डिजिटल ऑडोमीटर आते हैं और उनसे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं होता। किसी भी गाड़ी के मीटर को पीछे किया जा सकता है। कई बार ऐसे धोखेबाज इतनी सफाई से ऑडोमीटर पीछे करते हैं कि पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
डिजिटल मीटर से छेड़छाड़
डिजिटल ऑडोमीटर के साथ छेड़खानी करने वाले कार से कंसोल को खोल कर लैपटॉप या स्मार्टफोन से कनेक्ट कर देते हैं और कंसोल की चिप को हैक करके अपनी मर्जी के मुताबिक ऑडोमीटर रीडिंग को सेट कर देते हैं। ऑडोमीटर में प्रिटेंड सर्किट बोर्ड होता है, जिसमें से चिप को निकाल कर री-सोल्डरिंग की जाती है। ऑडोमीटर के ग्लास पर या इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर पर पेचकस के निशान हो तो इस बात की संभावना ज्यादा हो जाती है कि किसी ने मीटर टेंपर किया हो। हालांकि अगर किसी प्रोफेशनल ने ऐसा किया हो, तो यह पता लगाना और भी मुश्किल हो जाता है।
एनालॉग मीटर से भी होती है छेड़छाड़
एनालॉग मीटर में कई नंबर होते हैं, जो किलोमीटर की जानकारी देते हैं। कार के इंस्ट्रूमेंट कंसोल या स्पीडोमीटर को अलग को करके ऑडोमीटर के डिजिट व्हील्स को पीछे किया जा सकता है। हालाँकि, कई बार इस तरह के ऑडोमीटर के साथ ठीक से टेंपरिंग नहीं हो पाती है और जब कार को करीब 10 हजार किलोमीटर या उससे ज्यादा कार चल जाती है, तो कई बार डिजिट काम करना बंद कर देते हैं।
कैसे लगाएं पता
गाड़ी के ऑडोमीटर से छेड़छाड़ का पता लगाना हालांकि मुश्किल होता है, लेकिन थोड़ा सा ध्यान रखकर ही इस धोखाधड़ी को पकड़ा जा सकता है। कार खरीदने से पहले कार की डिटेल सर्विस हिस्ट्री जरूर मांगे। संभव हो तो जहां कार की सर्विस होती है वहां खुद जा कर पता लगाएं। सर्विस सेंटर के नंबर पर फोन करके भी आखिरी सर्विस के दौरान की रीडिंग की जानकारी ली जा सकती है।