मानपुरा की खानों मे अवैध खनन का चल रहा कारोबार, सो रहा खनन विभाग
चितौड़गढ़। शहर के निकटवर्ती मानपुरा गांव की पत्थरों की खदानों पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद बड़े पैमाने पर खनन का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। दुर्ग की 10 किलोमीटर की परिधी में उच्चतम न्यायालय द्वारा किसी भी प्रकार के खनन कार्य पर कई वर्षो पूर्व रोक लगा दी थी, लेकिन पुरातत्व विभाग द्वारा दुर्ग के स्मारकों की जांच और खनन व्याापारियों की मांग के अनुसार मानपुरा गांव मंे पत्थरों की खदानों में मानव श्रम से चलने वाली मशीनों द्वारा खनन कार्य की अनुमति दे दी गई। लेकिन खनन व्यापारी खदानों में दिन रात ब्लास्टिंग व भारी मशीनों सेअवैध खनन कार्य कर रहे है। इस सम्बन्ध में पूर्व में भी शिकायत के बावजूद खनिज विभाग के अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं देने से खनन व्यापारी बेरोकटोक भारी मशीनों ने खदानों में खनन कार्य को अंजाम रहे है। रात्रि में यहां ब्लास्टिंग से खनन कार्य किया जाता है। खदानों में खनन कार्य के दौरान जेसीबी सहित अन्य मशीनें एंव कृषि कार्य के उपयोग के लिये पंजीकृत सैकड़ों ट्रेक्टरों की आवाजाही आसानी से देखने को मिल जाती है। इस क्षेत्र में नियमों के विपरित ब्लास्टिंग के जरिये खनन कार्य होने से आने वाले समय में पुरातात्विक महत्व के दुर्ग एंव इसके स्मारकों पर विपरित प्रभाव पड़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे हालात से उबरने के लिये भारतीय पुरातत्व संरक्षण एंव खनिज विभाग की ओर से समय-समय पर खनन क्षेत्र की निगरानी किया जाना नितांत आवश्यक है।