श्रीकृष्णामृत तत्व को आत्मसात करें-शर्मा
चित्तौड़गढ़। श्री कृष्णामृत तत्व को आत्मसात कर जीवन को धन्य करें, उक्त विचार श्री कृष्ण तत्व के अध्येयता, ए सी शर्मा ने शुक्रवार को पेंशनर्स समाज व वरिष्ठ नागरिक मंच के संयुक्त तत्वावधान में पुरुषोतम मास की चतुर्थी के उपलक्ष में पेंशनर्स समाज के नवीन भवन में आयोजित श्री कृष्ण तत्व रसामृत व्याख्यानमाला को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। गीता के ज्ञान, भक्ति व कर्म योग पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि कर्म ही प्रधान है। मुख्य अतिथि शर्मा ने श्री कृष्ण के सारथी धर्म व मित्र धर्म आदि पर विस्तार से चर्चा कर आह्वान करते हुए कहा कि हम गीता का प्रतिदिन अध्ययन कर जीवन की कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी कर्मशील बने रहे जिससे भावी मार्ग प्रशस्त हो सके। शर्मा ने गीता के महात्म्य पर चिंतन देते हुए कहा कि गीता विश्व के कई देशों में अध्ययन अध्यापन के रूप में अपनाई जा रही है। ऐसी स्थिति में गीता विद्यालयो के साथ साथ सभी जगह उसका अध्ययन व अध्यापन होना परम आवश्यक है। उन्होंने श्रद्धा शब्द की मिमांषा करते हुए कहा कि अन्धश्रद्धा का अनुसरण न कर विवेक पूर्ण श्रद्धा की पालना करनी चाहिए। श्रीकृष्ण शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि उनका नाम, रूप व मोहिनी व्यक्तित्व ही चमत्कारी है जो अपनी ओर चुम्बकीय ताकत के रूप में कृश कर ले या खींच ले वो ही श्री कृष्ण है। उन्होंने श्रीकृष्ण को अवतारी महापुरुष निरुपित करते हुए ईश्वर की सत्ता को सर्वाेच्च बता कृष्णं वन्दे जगद गुरुम की साभिप्राय व्याख्या की। उन्होंने श्री कृष्ण की संकट कालिन परिस्थितियों का मार्मिक चित्रण करते हुए रुक्मणि मंगल, जरासंध, शिशुपाल वध व महाभारत आदि के प्रसंगों पर विस्तार से चर्चा कर भक्तिरस के कवि सूर, तुलसी, मीरा व रसखान साथ ही आदि महाकवि वाल्मीकि व रामायण तथा महाकवि तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस की चौपाईयो पर भी संप्रसंग व्याख्या करते हुए श्री कृष्णतत्व की वर्तमान में प्रासंगिकता को निरुपित किया। व्याख्यानमाला की अध्यक्षता करते हुए पेंशनर्स समाज के जिलाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण दशोरा ने कहा कि आज के परिपेक्ष में श्री कृष्ण तत्व जैसे आध्यात्मिक, धार्मिक एवं वैचारिक चिंतन के लिए इन विचार गोष्ठियों व व्याख्यानमालाओ से समाज को सकारात्मक संदेश दिया जा सकता है। इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिक मंच बसंतीलाल जैन ने भी मंच की ओर से स्वागत उद्बोधन देते हुए विचार व्यक्त कर आभार जताया। व्याख्यानमाला का संचालन मंत्री गिरिराज प्रसाद शर्मा ने किया। वरिष्ठ नागरिक मंच के सचिव राधेश्याम आमेरिया ने भी विचार व्यक्त किये। बसंती लाल जैन, अमर कण्ठ उपाध्याय, मनोहर लाल सोनी, यशवंत दशोरा, भैरव शंकर व्यास, मधुसूदन शर्मा ने मेवाड़ी पाग धारण करा, ऊपरना पहना, शाल ओढ़ा व प्रतीक चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया।