अपराधियों की नजर में सिंघम नाम से विख्यात एएसपी चंचल मिश्रा आमजन में है लोकप्रिय

केकड़ी(डॉ.मनोज आहूजा ) राजस्थान पुलिस सेवा की बेस्ट ऑफिसर चंचल मिश्रा पुलिस महकमे की वो जाँबाज ऑफिसर है जिसने अपराधी को क़ानून के शिकंजे में कसने के लिए उसका कद और उसकी पहुँच को नहीं देखा।अपने आपको भगवान का अवतार मानने वाले संत आशाराम के खिलाफ जब पहली बार पोक्सो की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ और आशाराम ने अपने आपको हजारों लाखों भक्तों के बीच छुपाते हुए सरकार को चेलेंज किया तब इसी बोल्ड ऑफिसर ने आरोपी को आरोपी की तरह गिरफ्तार कर ना केवल जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया वरन अपने निष्पक्ष अनुसन्धान से उसे सुप्रीम कोर्ट तक राहत नहीं लेने दी और आख़िरकार आजीवन कारावास की सजा दिलवाकर पुरे देश में राजस्थान पुलिस का नाम बुलंद कर आमजन के मध्य सिंघम के रूप में पहचान बनाई।अपराधियों की नजर में सिंघम के नाम से विख्यात ये महिला ऑफिसर जितना अपराधियों के लिए दहशत का पर्याय है उतनी ही आमजन के मध्य इनकी लोकप्रियता भी है।जिसका उदाहरण आज भी तब देखने को मिला जब आज उनके केकड़ी आने की खबर मिलते ही कई लोग उनसे मिलने पहुंचे।साथ में काम करने वाले कार्मिक ख़ुशी ख़ुशी से अपने चहेते अधिकारी से मिलने पहुंचे और उनसे मिलकर अत्यंत खुश हुए, वहीं मिश्रा ने भी बड़ी आत्मीयता से उनकी व परिवार की कुशलेक्षम पूछी।अपने जूनियर ऑफिसर खींवसिंह से भी क्षेत्र से सम्बंधित जानकारी हासिल करते हुए उनसे भी कार्यकाल सहित पारिवारिक जानकारी हासिल की। इसी दौरान उपस्थित लोगों ने हाल ही में उनके द्वारा आशाराम के बाद अब सरजूराम को गिरफ्तार करने पर बधाई देते हुए बताया कि हाल ही में दिसंबर के आख़री सप्ताह में मिश्रा ने नाबालिग पर यौन शोषण के आरोपी सरजूराम को घोड़ास स्थित आश्रम में से गिरफ्तार कर कानून के हवाले किया।मेरा तो यही मानना है भगवान ने हर जगह अपने भक्तों को छोड़ रखा है जो किसी ना किसी रुप में मानव अधिकारों की रक्षा करने के लिए, साम्प्रदायिक सौहार्द कायम करने के लिए,दुष्टों का नाश करने के लिए,अच्छे इंसानों की मदद करने के लिए आ ही जाते हैं।जब किसी सभरांत परिवार की मासूम बच्ची के साथ अन्याय व अत्याचार हो तब दुष्टों का नाश करने वाले अधिकारी को देवदूत बनाकर अपराधियों का नाश करने के लिए हमारे प्रदेश में चंचल मिश्रा के रूप में लेडी ऑफिसर मौजूद है।जिन्होंने नाबालिग बच्चियों के साथ शोषण करने वाले दुष्टों को गिरफ्तार कर सिंघम की भूमिका अदा कर ना केवल राजस्थान पुलिस का नाम रोशन किया है,वरन अपने पद की गरिमा के अनुरूप भी कार्य कर अपने जीवन को सार्थक किया है।सिंघम का मतलब अपराधियों से लड़ना व उन्हें अपराधी के तरीकों से ही पीटना नहीं है।बल्कि सिंघम का मतलब आमजन के मध्य ये विश्वास पैदा करना है कि उसके साथ अत्याचार नहीं होगा,कि उसके साथ न्याय होगा।कि उसके साथ कोई अदृश्य शक्ति है जो उसके आंसू नहीं निकलने देगा।जिस तरह से जहाज का कैप्टन जहाज को लेकर जब उड़ान भरता है तब सबकी सांसे व जान उस कैप्टन के हाथ में आ जाती है।वो चाहे मारे,चाहे तारे सब उसी के हाथ में होता है उसी प्रकार भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा में बतौर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात चंचल मिश्रा ने नित नए आयाम स्थापित कर राजस्थान पुलिस की प्राथमिकताओं को साकार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।ऐसी बेस्ट ऑफिसर का आज केकड़ी पधारने पर अखिल भारतीय संयुक्त अधिवक्ता मंच के अजमेर संभागीय अध्यक्ष एडवोकेट डॉ.मनोज आहूजा व स्थानीय पुलिस उप अधीक्षक खींव सिंह ने गुलदस्ता भेंट कर अभिनन्दन करते हुए बेहतरीन कार्यों के लिए बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनायें दी।