इस मौसम में इन तीन जानलेवा बीमारियों के खतरे से सभी रहें सुरक्षित

इस मौसम में इन तीन जानलेवा बीमारियों के खतरे से सभी रहें सुरक्षित
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अगस्त-सितंबर का यह महीना गर्मियों से थोड़ी राहत देने वाला जरूर होता है पर इस मौसम में कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के बढ़ने का खतरा भी काफी अधिक होता है। इनमें से कुछ बीमारियां जानलेवा तक हो सकती हैं। इन महीनों में देश में मच्छरों के काटने से होने वाली कई तरह की बीमारियों का खतरा सबसे अधिक होता है। हालिया रिपोर्ट्स पर गौर करें तो पता चलता है कि अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है।  इसके अलावा इन दिनों मलेरिया और चिकनगुनिया के कारण भी बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़ते रहे हैं। इन स्थितियों का समय पर निदान और इलाज न हो पाने के कारण जान जाने का भी खतरा हो सकता है।

डॉक्टर्स कहते हैं, मच्छरों के कारण बढ़ने वाली इन बीमारियों से सभी लोगों को लगातार बचाव के उपाय करते रहने चाहिए। डेंगू जैसी स्थितियों में तेजी से बीमारी गंभीर रूप लेने लग जाती है, ऐसे में मच्छरों के काटने से बचने का उपाय करके इस तरह की बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है।

आइए जानते हैं कि इन दिनों किन बीमारियों को लेकर बेहद सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है, साथ ही बचाव के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?

डेंगू बुखार का खतरा

एडीज मच्छरों के काटने से होने वाली डेंगू की बीमारी के कारण हर साल हजारों की मौत हो जाती है। ये मच्छर अक्सर दिन के समय में काटते हैं। डेंगू की स्थिति में  तेज बुखार के साथ मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द, गंभीर सिरदर्द, छाती, पीठ या पेट पर लाल चकत्ते होने की समस्या हो जाती है। गंभीर स्थितियों में ब्लड प्लेटलेट्स का स्तर भी कम होने लगता है। समय पर इलाज न मिल पाने की स्थिति में डेंगू खतरनाक रूप भी ले सकता है।

मलेरिया की बीमारी

मच्छरों के काटने से होने वाली मलेरिया की बीमारी भी जानलेवा हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में मलेरिया के कारण सालाना 19,500-20,000 मौतें होती हैं। एनोफिलीज मच्छर के काटने से होने वाली इस बीमारी में तेज बुखार, कंपकंपी या ठंड लगने और फ्लू जैसी समस्याएं महसूस होती रहती हैं। मलेरिया की बीमारी को ठीक होने में तीन सप्ताह से अधिक का समय लग सकता है। ऐसे में समय से समस्या का निदान और इलाज बहुत आवश्यक माना जाता है।

चिकनगुनिया बुखार के बारे में जानिए

चिकनगुनिया की बीमारी में जोड़ों में तेज दर्द की समस्या होने का जोखिम अधिक होता है। मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने होने वाली इस बीमारी में डेंगू से मिलते-जुलते लक्षण हो सकते हैं, हालांकि इसमें जोड़ों में होने वाले दर्द की समस्या अधिक देखी जाती रही है। आंकड़ों के अनुसार चिकनगुनिया के कारण मृत्युदर का खतरा 11 फीसदी तक हो सकता है। चिकनगुनिया की बीमारी को ठीक करने के लिए फिलहाल कोई विशिष्ट दवा नहीं है, बल्कि इसमें सहायक उपचार करके लक्षणों को कम करने पर ध्यान दिया जाता है।

 5  इन बीमारियों से कैसे बचें?

डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी गंभीर और घातक बीमारियों से बचे रहने के लिए मच्छरों से बचाव करना सबसे आवश्यक माना जाता है। इसके लिए पूरी बाजू की शर्ट और पैंट पहनें। संक्रमण वाले स्थानों पर जाने से बचें। मच्छरों से बचाव के लिए दवाइयों को प्रयोग में ला सकते हैं। रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना सबसे सुरक्षित माना जाता है। इन दिनों होने वाले तेज बुखार की स्थिति में तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। 

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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