इंडिया गठबंधन के नेता आज जंतर-मंतर पर करेंगे विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली । विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेता 140 से अधिक सांसदों के निलंबन के खिलाफ आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और संसद का मंचन करेंगे। संसद परिसर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के चैंबर में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। विपक्ष संसद भवन से विजय चौक तक जुलूस भी निकालेगा।
विपक्ष के 143 सांसद किए जा चुके हैं निलंबित
संसद की सुरक्षा में चूक मामले पर विपक्ष दोनों सदनों में हंगामा कर रहा हैं। सदनों में हंगामे और व्यवधान डालने के आरोप में विपक्ष के 143 सांसदों को शेष शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया है। बुधवार को फिर से दो सांसदों को निलंबित किया गया। लोकसभा कार्यवाही के दौरान तख्तियां दिखाने के आरोप में विपक्ष के सांसद सी थॉमस और एएम आरिफ को निलंबित किया गया है।
गौरतलब है कि 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में चूक की घटना को लेकर विपक्ष मोदी के खिलाफ सरकार आक्रमक दिखाई दे रहा है। विपक्ष की मांग है कि सुरक्षा की चूक मामले में सदन में चर्चा की जाए और गृह मंत्री अमित शाह घटना पर जवाब दें। जिसको लेकर संसद की कार्यवाही के दौरान विपक्ष सदन में हंगामा कर रहा है। पिछले हफ्ते गुरुवार को लोकसभा के 13 सांसद और राज्यसभा से एक सांसद को निलंबित किया गया था। वहीं, सोमवार को लोकसभा से 33 और राज्यसभा से 45 सासंदों को निलंबित किया गया थे। मंगलवार को लोकसभा के 49 सांसदों पर कार्रवाई की गई थे। बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो अन्य सांसद को निलंबित किया गया हैं।
एसएस अहलूवालिया ने किया पलटवार
भाजपा सांसद एसएस अहलूवालिया ने सांसदों के निलंबन के मामले में विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने इंदिरा गांधी की हत्या पर रिपोर्ट पेश करने की लगातार मांग करने पर 1989 में लोकसभा से 63 सांसदों के निलंबन का हवाला दिया। अहलूवालिया ने कहा कि विपक्ष ने सरकार को निशाना बनाने के लिए संसद की सुरक्षा में सेंध को राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर मुद्दा बताया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि पीएम नरेंद्र मोदी व भाजपा देश में एक ही दल का शासन लाना चाहते हैं। मिमिक्री के मुद्दे को धनखड़ की तरफ से किसान व जाट का अपमान बताने पर खरगे ने कहा, जाति को हर मुद्दे में नहीं घसीटना चाहिए। उन्होंने कहा, क्या उन्हें हर बार राज्यसभा में बोलने की अनुमति नहीं मिलने पर यह कहना चाहिए कि दलित होने के कारण ऐसा हुआ है। उन्होंने सदन के बाहर कहा, जाति का इस्तेमाल कर लोगों की भावनाओं को नहीं भड़काना चाहिए।