जलवायु कार्रवाई को लेकर भारत अपनी बात पर कायम, दुबई रवाना होने से पहले बोले PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में सक्षम बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन देशों को पर्याप्त जलवायु वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ समर्थन देने की जरूरत है। विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दुबई रवाना होने से पहले मोदी ने कहा कि जब भी जलवायु कार्रवाई की बात आती है तो भारत अपनी बात पर कायम रहा है। भारत ने G-20 की अध्यक्षता के दौरान भी इस मुद्दे को महत्व दिया है। पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा, G-20 की मेजबानी के दौरान जलवायु का मुद्दा हमारी प्राथमिकता में सबसे ऊपर था। नई दिल्ली के नेताओं की घोषणा में जलवायु कार्रवाई और सतत विकास पर कई ठोस कदम शामिल हैं। मैं कॉप-28 द्वारा इन मुद्दों पर आम सहमति को आगे बढ़ाने की उम्मीद करता हूं। प्रधानमंत्री शुक्रवार को विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। कई विश्व नेता ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हैं। विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन COP28 का उच्च स्तरीय खंड है।
इस दौरान प्रधानमंत्री का तीन अन्य उच्च स्तरीय कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे। COP28 संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अध्यक्षता में 30 नवंबर से 12 दिसंबर तक हो रहा है। पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा कि COP28 पेरिस समझौते के तहत हुई प्रगति की समीक्षा करने और जलवायु कार्रवाई पर भविष्य के कदम के लिए रास्ता तैयार करने का अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा, 'भारत द्वारा आयोजित वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में वैश्विक दक्षिण ने समानता, जलवायु न्याय और साझा जलवायु कार्रवाई की जरूरत पर बात की।' उन्होंने कहा, 'यह जरूरी है कि विकासशील देशों के प्रयासों को पर्याप्त जलवायु वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ समर्थन दिया जाए। सतत विकास हासिल करने के लिए उनके पास समान कार्बन और विकास की जगह होनी चाहिए।' प्रधानमंत्री ने कहा कि जब जलवायु कार्रवाई की बात आती है तो भारत अपनी बात पर कायम रहा है। उन्होंने कहा, 'नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, वनीकरण, ऊर्जा संरक्षण, मिशन लाइफ जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हमारी उपलब्धियां धरती माता के प्रति हमारे लोगों की प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं।' प्रधानमंत्री ने कहा कि वह जलवायु वित्त और ग्रीन क्रेडिट्स इनिशिएटिव सहित विशेष कार्यक्रमों में शामिल होने को लेकर आशान्वित हैं।