चीन को मुंहतोड़ जवाब देगा भारत, सेना ने बनाई सीमा पर ग्रीन हाइड्रोजन आधारित पावर प्लांट लगाने की योजना

चीन को मुंहतोड़ जवाब देगा भारत, सेना ने बनाई सीमा पर ग्रीन हाइड्रोजन आधारित पावर प्लांट लगाने की योजना
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भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा कि उसने उत्तरी सीमाओं के साथ अग्रिम क्षेत्रों में ग्रीन हाइड्रोजन आधारित माइक्रो ग्रिड पावर प्लांट प्रोजेक्ट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह परियोजना उन अग्रिम क्षेत्रों में कार्यान्वित की जा रही है जो राष्ट्रीय या राज्य पावर ग्रिड से जुड़े नहीं हैं। सेना ने कहा कि उसने इस पहल के लिए मंगलवार को नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (एनटीपीसी आरईएल) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

भारत ने 4 जनवरी को नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत 2030 तक प्रतिवर्ष पांच मिलियन टन की ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता विकसित करने के लिए 19,744 करोड़ रुपये की मंजूरी दी। सेना ने कहा, नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की तर्ज पर भारतीय सेना ने उत्तरी सीमाओं के अग्रिम इलाकों में ग्रीन हाइड्रोजन आधारित माइक्रो ग्रिड पावर प्रोजेक्ट लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो राष्ट्रीय या राज्य ग्रिड से नहीं जुड़े हैं। 

बयान में कहा गया है कि बिजली खरीद समझौते के जरिए बिजली खरीदने की प्रतिबद्धता के साथ 25 साल के लिए लीज पर आवश्यक भूमि प्रदान की जा रही है। इसमें कहा गया है, प्रस्तावित प्रोजेक्ट एनटीपीसी द्वारा पूर्वी लद्दाख में संयुक्त रूप से चिह्नित स्थान पर बिल्ड, ओन एंड ऑपरेड (बीओओ) मॉडल पर स्थापित किए जाएंगे।  

इस प्रोजेक्ट में हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए पानी के हाइड्रोलिसिस के लिए एक सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना शामिल है। सेना ने कहा कि यह पहल भविष्य में इसी तरह के प्रोजेक्टस के लिए मंच तैयार करेगी और ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने की दिशा में योगदान देगी।  

सेना ने कहा, इस एमओयू के साथ ही भारतीय सेना नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड के साथ समझौता करने वाला पहला सरकारी संगठन बन गया है, जिसकी भविष्य में इसी तरह के प्रोजेक्ट्स को शुरू करने की योजना है। 

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