भारतीय प्रतिनिधि ने आतंकी हमले को लेकर साधा पाक और चीन पर निशाना, कहा- आतंकियों को फलने-फूलने में कुछ देश..

सीमा पार आतंकवाद और हिंसा के कारण हमें बहुत नुकसान हुआ है। यह बात संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कही। उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान और चीन पर निशाना साधा है। इसके साथ ही उन्होंने कुछ ऐसे देशों के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया, जो आतंकवादियों को पनाह देना जारी रखे हैं।
हथियार दिए जा रहे
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि सीमा पार आतंकवाद की वजह से हमें बहुत नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं सीमाओं के पार तस्करी किए गए अवैध हथियारों का उपयोग करके आतंकवादी समूहों द्वारा देश में आतंक फैलाया जा रहा है। इसमें अब ड्रोन भी शामिल हैं।
आतंकवादियों की मदद कर रहा कोई
उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठनों के पास से मिले हथियार से साफ है कि उनकी कोई मदद कर रहा है। वह बिना किसी देश की मदद के बिना इतने बड़े स्तर पर हथियार नहीं जुटा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देश आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह देना जारी रखे है। इन लोगों न केवल गंभीर अपराध किए हैं, बल्कि जालसाजी और विरोधी-राज्य की मुद्रा के प्रसार, सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए हथियारों, ड्रग्स और अन्य साधनों की आपूर्ति जैसे माध्यमों से अपने विरोधी-राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाना जारी रखा है।
बर्दाश्त नहीं करने का आह्वान
कंबोज ने संयुक्त राष्ट्र से आतंकवादी समूहों और उनको सहायता देने वालों को कतई बर्दाश्त नहीं करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा हिंसा जारी रखने में सबसे ज्यादा मदद हथियार उपलब्ध कराकर की जा रही है। सबसे पहले राष्ट्रों को ऐसे लोगों पर शिंकजा कसने की जरूरत है, जो इन लोगों यह सुविधा पहुंचा रहे हैं। देशों को हथियारों के अधिग्रहण को सीमित करने के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि यह परिषद आतंकवादी तत्वों और उनको सहायता देने वालों को कतई बर्दाश्त नहीं करे।
कई दशकों से आतंकवादियों का सामना कर रहे
छोटे हथियारों पर यूएनएससी की खुली बहस में बोलते हुए उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत सीमा पार आतंकवाद और अवैध हथियारों का उपयोग करने वाले आतंकवादी समूहों द्वारा की जाने वाली हिंसा से परेशान है। उन्होंने कहा कि कई दशकों से आतंकवादियों का सामना कर रहे हैं। भारत आतंकवादियों को छोटे हथियारों और गोला बारूद उपलब्ध कराने के खतरों से अवगत है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर
उन्होंने कहा, 'हमें सीमा पार आतंकवाद और आतंकवादी समूहों द्वारा इन अवैध हथियारों का उपयोग करके की गई हिंसा के कारण बहुत नुकसान हुआ है, जिसमें अब ड्रोन का उपयोग भी शामिल है। आतंकवादियों के बेड़े में बढ़ते हथियारों को देखकर साफ है कि यह किसी देश की मदद के बिना नहीं फल फूल सकते हैं।' उन्होंने डायवर्जन प्वाइंट्स और ट्रैफिकिंग मार्गों की पहचान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
