जिला कारागृह का किया निरीक्षण
चित्तौड़गढ़। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष ओमी पुरोहित एंव सचिव भानु कुमार द्वारा मंगलवार को जिला कारागृह का निरीक्षण किय गया। सर्वप्रथम जेल स्टाफ द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। जिला कारागृह में निर्मित बैरकों, रसोईघर, स्नानघर एवं शौचालयों, बैरकों में लाइट एवं पंखों की व्यवस्था का निरीक्षण किया गया जो समुचित पाई गई। बंदियों को दिए जाने वाले पेयजल एवं खान-पान की वस्तुओं की गुणवत्ता को चख कर जांचा जो नियमानुसार सही पाई गईं। कारागृह में संचालित डिस्पेंसरी, स्टोर रूम का अवलोकन किया गया। बैरकों में महिला व पुरुष बंदियों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में उनसे वार्ता की गई। कारागृह में स्थित महिला बैरक का भी निरीक्षण किया गया। महिलाओं से उनको दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की गई, जिसे समुचित पाया गया। निरीक्षण के दौरान जेल परिसर में बंदियों की परेड करवाकर प्रत्येक बंदी से जेल सुविधाओं व उनके लंबित प्रकरणों के संबंध में जानकारी लेकर समस्यों के निराकरण हेतु कारापाल योगेश कुमार तेजी को मौके पर ही आदेशित किया गया। बंदियों के प्रकरणों में प्रभावी पैरवी तथा उनके जमानत मुचलके, पैरोल आदि समस्याओं के संबंध में असिंस्टेंट लिगल एड डिफेन्स काउंन्सिल गौरव टेलर को निर्देश दिए। अपराधिक रिकॉर्ड पर दर्ज प्रकरण लंबित प्रकरणों के साथ ही बंदियों को निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में भी बताया गया। कारापाल योगेश कुमार तेजी द्वारा बताया गया कि प्रतिदिन सुविधानुसार बंदियों के परिजनों से उनकी बात करवाई जाती है तथा प्रत्येक बंदी की प्रकरण से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी, उनकी पेशीयां ऑनलाईन ईप्रिसन पॉर्टल पर दर्ज करवाई जाती है। वक्त निरीक्षण कारागृह में 590 पुरूष, 16 महिला बंदी पाए गए। जिला कारागृह की कुल क्षमता 338 बंदियों की है लेकिन वर्तमान में क्षमता से अधिक बंदी होने से उच्चाधिकारियों से बात कर बंदियों को अन्य जेल में भेजे जाने के निर्देश दिए गए।