श्री औंकारेश्वर महादेव मूर्ति स्थापना,महारुद्र यज्ञ एवं नानी बाई का मायरा कथा
राजसमन्द ( राव दिलीप सिंह )शहर के सौ फीट रोड स्थित बालाजी नगर में आगामी 4 मार्च से शुरू होने वाले श्री औंकारेश्वर महादेव मूर्ति स्थापना प्राण प्रतिष्ठा, महारुद्र यज्ञ एवं नानी बाई का मायरा कथा के पांच दिवसीय कार्यक्रम को लेकर श्री औंकारेश्वर महादेव सेवा संस्थान की ओर से तैयारियां जोर-शोर से की जा रही है।
संस्थान के शशीकान्त दीक्षित ने बताया कि महोत्सव को लेकर शुक्रवार को हुई संस्थान की बैठक को लेकर पांचों दिन के कार्यक्रमों को लेकर व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई। इसके बाद यज्ञ समिति, मण्डप व्यवस्था समिति, कथा समिति, भजन संध्या समिति, प्रसादी समिति, पूजा व्यवस्था समिति, स्वागत समिति, निमंत्रण समिति, प्रचार-प्रसार समिति के साथ ही विभिन्न कमेटियों का गठन करते हुए उन्हें संबंधित कार्यों की जिम्मेदारियां सौंपी गई। इसके साथ ही समिति सदस्यों ने आज से व्यवस्थाओं को लेकर कार्य शुरू कर दिया है। कार्यक्रम को लेकर शहर विभिन्न समाजों को भी विशेष रूप से निमंत्रण दिए जा रहे हैं।
इधर, महोत्सव को लेकर मंदिर पर रंगरोगन और सजावट, विद्युत सज्जा आदि का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। वहीं, यज्ञाचार्य पंडित उमेश द्विवेदी के सानिध्य में होने वाले महारुद्ध यज्ञ के लिए विशेष रूप से कच्चा यज्ञ मण्डप भी तैयार किया जा रहा है। वहीं, यज्ञ मण्डप के पास ही नानी बाई का मायरा कथा और भजन संध्या के लिए भव्य दो सौ बाई दो सौ गुणा साइज का पाण्डाल भी तैयार किया जा रहा है। वहीं, सौ फीट रोड से मंदिर की ओर प्रवेश के मार्गों पर तोरण द्वार लगाए गए हैं। साथ ही इन तोरण द्वार से मंदिर तक भी लाइटिंग और फर्रियां आदि लगाकर आकर्षक सजावट की जाएगी।
*यह है कार्यक्रम*
महोत्सव की शुरुआत आगामी चार मार्च को प्रात: दस बजे निकलने वाली भव्य कलश यात्रा से होगी। कलश यात्रा राजनगर के फव्वारा चौक स्थित श्री नर्बदेश्वर महादेव मंदिर से शुरू होकर प्रमुख मार्गों से होकर श्री औंकारेश्वर महादेव मंदिर आएगी। इसके बाद प्रात: साढ़े ग्यारह बजे मण्डप प्रवेश, देवस्थापन, पूजन, अग्रि स्थापना व ग्रह होम एवं शाम 6 बजे आरती मूर्ति अधिवासन, कुटीर कर्म होगा। वहीं, तीन दिवसीय नानी बाई का मायरा कथा की शुरुआत भी चार मार्च को ही शाम साढ़े छह बजे से होगी। कथा रतलाम के कथावाचक अनिरुद्ध मुरारी के श्रीमुख से होगी। अगले दिन पांच व 6 मार्च को यज्ञकर्म, मूर्ति अधिवासन कर्म, 7 मार्च को भी दिन में पूजा अनुष्ठान के बाद रात आठ बजे से भजन संध्या होगी, जिसमें गोकुल शर्मा एण्ड पार्टी प्रस्तुतियां देगी। जबकि, आठ मार्च को शुभ मुहूर्त में प्रात: साढ़े छह से साढ़े सात बजे मूर्ति स्थापना की जाएगी। साथ ही महाप्रसादी का भी आयोजन होगा।