समन्वित पौषक तत्व प्रबंधन पर संस्थागत प्रशिक्षण आयोजित
चित्तौड़गढ़। कृषि विज्ञान केन्द्र में संस्थागत कृषक प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में गेहूं एवं जौ की उत्पादन तकनीकी एवं पौषक तत्व प्रबंधन पर आधारित था, जिसमें जिले के बड़ीसादड़ी पंचायत समिति के गुन्दलपुर, कीटखेड़ा, आफरो का तालाब आदि गांवो से कुल 30 कृषकों ने भाग लिया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रतनलाल सोलंकी ने किसानों को प्रशिक्षण का महत्व व कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिको द्वारा बताई गई उन्नत गेहूं एवं जौ की फसल में समन्वित पौषक तत्व प्रबंधन कर अच्छा उत्पादन प्राप्त करने की सलाह दी। कार्यक्रम सहायक दीपा इन्दौरिया ने कृषको को गेहूं के पौषक मूल्य के बारे में बताते हुए कहा कि गेहूं स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है लेकिन गेहूं का ग्लाइसेमिक इन्डेक्स अधिक होने से कई शारीरिक व्याधियों में इसका प्रयोग न्यूनतम अथवा वर्जित होता है। अतः ऐसी स्थिति महिलाओ को को गेहू के साथ सोयाबीन एवं चना मिलाकर आटे के रूप में प्रयोग करने से गेहूं का ग्लाइसेमिक इन्डेक्स तुलनात्मक रूप से कम हो जाता है। संजय कुमार धाकड़ ने आने वाली रबी फसलो के उन्नत किस्मो के बीजो, गेहूं एवं जौ की खड़ी फसल में सिंचाई की क्रान्तिक अवस्थाएं एवं खड़ी फसल में नाइट्रोजन युक्त उर्वरक यूरिया की सही मात्रा एवं तरीका सिखाया।