अच्छे लोगों के लिए अपमान मृत्यु के समान है : चैतन्य महाराज

अच्छे लोगों के लिए अपमान मृत्यु के समान है :  चैतन्य महाराज
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भीलवाड़ा हलचल। । बाल ब्रह्मचारी अनन्त विभूषित त्रयम्बकेश्वर चैतन्य महाराज ने कहा कि जहां सम्मान नहीं हो या बुलाया नहीं गया हो वहां नहीं जाना चाहिए क्योकि अच्छे लोगों के लिए अपमान मृत्यु के समान है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जिसका प्रचार है उसे महान माना जाता है। आज गाय का दूध नहीं मिलता है लेकिन हर चौराहे पर शराब की दुकान है। आज हमें क्या बोलना है, क्या ग्रहण करना है, कैसा व्यवहार करना है इस पर हम बिल्कुल विचार नहीं करते हैं जो गलत है। संत श्री मंगलवार को हरी सेवा धाम सनातन मंदिर में प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हिन्दू का अर्थ स्वाध्याय नियमित करना है। सनातन धर्म में अनेकों ग्रंथ है। 4 वेद, उपवेद, 18 पुराण, उपपुराण, उपनिषद, महाभारत, रामायण जो अन्य किसी धर्म में नहीं है। संयोजक परिवार के राधेश्याम अग्रवाल ने बताया की हरिशेवा धाम सनातन मन्दिर में महामंडलेश्वर हंसराम उदासीन महाराज के सानिध्य में प्रवचन प्रतिदिन अपराह्न 3 से शाम 5 बजे तक चल रहे है। प्रवचन का फेसबुक पर सीधा व यूट्यूब पर शाम को प्रसारण किया जा रहा है। संयोजक परिवार के कृष्णगोपाल, छीतरमल व प्रह्लाद अग्रवाल ने बताया की संत श्री के साथ दंडी स्वामी प्रबोधाश्रम महाराज, नृसिंह भारती महाराज, आचार्य हरि ओम महाराज, स्वामी नारायण महाराज, ब्रह्मचारी देवेश महाराज भी ज्ञान गंगा बहा रहे हैं। कार्यक्रम प्रवक्ता रजनीकांत आचार्य ने बताया कि चातुर्मास के तीसरे डॉक्टर कमला कांत शर्मा ने दीपक जले उतना जितना उसमें तेल बाती के माध्यम से सांसारिक जीवन की व्यथा बताई। नारायण महाराज नो सत्संग की महिमा एवं संत कृपा का महत्व बताया। महाराज श्री का स्वागत सतीश उपाध्याय, ओम प्रकाश शर्मा, रामेश्वर लाल काबरा, टीसी चौधरी, रामकन्या काबरा आदि ने किया।

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