जैन मंदिरों में चोरियां कर रहा अंतरराज्यीय गिरोह पकड़ा, सरगना मांडलगढ़ का, सदस्य नीमच व चित्तौडग़ढ़ जिलों के

भीलवाड़ा हलचल। जिले के जैन मंदिरों में लगातार चोरियां कर आतंक का पर्याय बन चुका अंतरराज्यीय चोर गिरोह आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। गिरोह में शामिल भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़ व मध्यप्रदेश के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने हलचल को बताया कि भीलवाड़ा जिले के मांडलगढ़, बिजौलियां, कोटड़ी व आस-पास के इलाकों में चोरी व लूटपाट की लगातार घटनायें हो रही थी। खासतौर से जैन मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा था। इसे गंभीरता से लेते हुये एएसपी गजेंद्रसिंह जौधा के निकटतम सुपरविजन व डीएसपी मांडलगढ़ ज्ञानेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीमेें गठित की गई। टीम नें मुखबिर सूचना तंत्र को अलर्ट कर तकनिकी विश्लेषण की मदद से पड़ताल की तो पता चला कि 18 सितंबर को मांडलगढ़ व आस-पास के क्षेत्र में चोरी व लूट की घटना को अंजाम देने के लिए एक गैंग आई हुई है। इस गैंग की सहायता स्थानीय कोई व्यक्ति कर रहा है।
ऐसे में पुलिस ने ऐसी वारदातों में लिप्त एवं पूर्व चालानशुदा बदमाशों की छंटनी कर क्षेत्र में सक्रिय ऐसे बदमाशों को चिन्हित किया गया, जो पड़ौसी जिलों व राज्यों के व्यक्तियों के साथ ज्यादा उठ-बैठ कर रहे थे। इस तरह विशेष टीम ने अथक प्रयास कर चार लोगों को पकड़ा। इनसे पूछताछ की गई तो सामने आया कि इन लोगों ने माण्डलगढ, बिजोलिया, कोटडी क्षेत्र में कई वारदातों को अंजाम दिया है । इनमें मुख्य रूप से जैन मंदिर शामिल हैं, जहां से ये लोग छत्र, नकदी लूटले गये। पुलिस ने पूछताछ के बाद चारों आरोपितों मध्यप्रदेश के पीपलिया हाडी डेरा नंबर दो मनासा, नीमच निवासी सुलेन्द्र मालवीय उर्फ सुरेन्द्र पुत्र शम्भु लाल मालवीय व राजू उर्फ राजदीप पुत्र सुरेश मालवीय, कंजर बस्ती मांडलगढ़ निवासी भूरिया उर्फ भूरा पुत्र प्रभुलाल कंजर और चैची, बेगूं निवासी कचरू उर्फ कुचरू पुत्र रमेशचन्द्र कंजर को गिरफ्तार कर लिया।
ये वारदातें उगली बदमाशों ने
26 अगस्त- होडा में खाचरोल रोड पर बुजुर्ग दंपती पर तलवार व लाठियों से हमला कर चांदी की कडिय़ां, कडूले, सोने के टोप्स, आठ हजार रुपये लूटे।
3 अगस्त- माण्डलगढ कस्बे में स्थित जैन मन्दिर का रात्रि में गेट तोडकर नगदी चुराई।
13 अगस्त- महुआ स्थित जैन मन्दिर से रात्रि में चांदी के छत्र व नगदी चुराई। पड़ोस में स्थित मकान को भी निशाना बनाकर चोरी की।
15 अगस्त- छोटी बिजोलिया में जैन मन्दिर में रात्रि में ताले तोडकर चांदी के छत्र व नगदी चुराई।
4 सितंबर- कोटडी स्थित जैन मन्दिर से रात्रि में छत्र व नगदी चुराई। इनके अलावा भी इस गिरोह ने उदयपुर, चित्तौडग़ढ में भी चोरी व लूटपाट की कई वारदातों को अंजाम दिया।
बदमाशों का वारदात का तरीका
इस अंतराज्यीय गिरोह का सरगना कंजर बस्ती, मांंडलगढ़ का भूरिया कंजर है। इसने ही चोरी, लूट व डकैती के लिए एक गैंग खड़ी की। इस गैंग में भूरिया ने मध्यप्रदेश से शातिर चोरों को शामिल किया। भूरिया, इन बदमाशों को स्थानीय मंदिरों व अन्य टार्गेट किये जाने वाले स्थानों की सूचना और लोकेशन बताता था। इसके साथी मोटरसाईकिलों से आते और मांडलगढ़ व आस-पास के इलोगों में चोरी व लूटपाट कर चले जाते थे। वारदात में शामिल होने वाले बदमाश मध्यप्रदेश के होते थे, जिससे इनको पकड़ा जाना व पहचान पाना मुश्किल था। ये बदमाश वारदात के बाद लूटे व चोरी किये गये गहने सस्ते दाम पर सुनार को बैच देते थे।