खादी और ग्रामोद्योग के विस्तार से ही गाँवो को आत्मनिर्भर बनाना संभव : पद्मश्री श्यामसुंदर पालीवाल

खादी और ग्रामोद्योग के विस्तार से ही गाँवो को आत्मनिर्भर बनाना संभव : पद्मश्री श्यामसुंदर पालीवाल
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गायत्री शक्तिपीठ राजसमन्द पर खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड तथा संस्कृति विकास संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में नवीन बुनकरों का करघे पर प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। संस्कृति विकास संस्थान के व्यवस्थापक महेश पांडिया ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री श्यामसुंदर पालीवाल उपस्थित थे जबकि अध्यक्षता शक्तिपीठ के व्यवस्थापक गिरजाशंकर पालीवाल ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में भानुप्रताप सिंह महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र राजसमंद एवं भगवानदास संभागीय खादी अधिकारी, उदयपुर उपस्थित थे । सर्वप्रथम व्यवस्थापक गिरजा शंकर पालीवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। महाप्रबंधक भानु प्रताप सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस महत्वपूर्ण प्रकल्प की शुरुआत के माध्यम से हम पुनः अपने पारंपरिक उद्योगों को स्थापित करने जा रहे हैं साथ ही सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ सभी तक पहुँचे, इसके लिए प्रयासरत हैं। संभागीय खादी अधिकारी भगवान दास ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देने में अनेक योजनाओं के माध्यम से कार्य कर रही है, आवश्यकता इस बात की है कि हम उन योजनाओं का लाभ जन जन तक पहुंचाएं। पद्मश्री श्याम सुंदर पालीवाल ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का यही एकमात्र माध्यम है तथा माननीय प्रधानमंत्री जी के इस संकल्प को हम सभी मिलकर पूर्ण करेंगे। आज लुप्त होती इन कलाओं को संरक्षण और पोषण देने की आवश्यकता हैं। अंत में शव्या जोशी ने आभार प्रकट किया।

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