दिवाकर नगरी डूंगला में तेला तप महोत्सव में जैन कॉन्फ्रेंस प्रान्तीय पदाधिकारियों ने लिया भाग, तपस्वियों की अनुमोदना

भीलवाड़ा,BHN। छोटे जैन दिवाकर पूज्य श्रीधर्ममुनिजी म.सा. के जन्मदिवस पर उनके सुशिष्य श्रीकेशवमुनिजी म.सा. तथा चक्षुमुनिजी म.सा. के सानिध्य में दिवाकर नगरी डूंगला में श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में आयोजित तप महोत्सव में जैन कॉन्फ्रेंस की राजस्थान प्रान्तीय महिला शाखा अध्यक्ष भीलवाड़ा निवासी नीता बाबेल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लाड़जी मेहता, जैन कॉन्फ्रेंस के प्रान्तीय महामंत्री शांतिलाल मारू , प्रांतीय मार्ग दर्शक अमर सिंह डूंगरवाल वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजिया देवी डूंगरवाल आदि पदाधिकारियों ने भाग लिया। तप महोत्सव में करीब 600 तेला, 30 अठाई एवं 3 मासखमण की तपस्या हुई। श्रीमती बाबेल एवं अन्य पदाधिकारियों ने तपस्वियों को पारणा कराके तप की अनुमोदना की। विजिया देवी ने बताया कि इस अवसर पर जैैन श्रावक संघ डूंगला की ओर से एवं आठ से उपर की सभी तपस्वियों का जैन कॉन्फ्रेंस महिला शाखा की भीलवाड़ा निवासी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लाड़जी मनोजजी मेहता पुत्रवधु श्री शांतिलाल मेहता अध्यक्ष डूंगला श्रीसंघ द्वारा अभिनंदन किया गया। महिला शाखा प्रान्तीय अध्यक्ष नीता बाबेल एवं जैन कॉन्फ्रेंस प्रान्तीय महामंत्री शांतिलाल मारू , लाड़ की मेहता ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए तपस्वियों का स्वागत किया। श्रीमती बाबेल ने कहा कि तप महोत्सव के अवसर पर डूंगला की पावन धरा पर आकर वह स्वयं को बहुत सौभाग्यशाली महसूस कर रही हूं। तप साधना करने वाले सभी तपस्वियों की सुखसाता पूछते हुए उनके तप की हार्दिक अनुमोदना करते है। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर स्वामी एवं जिनशासन के महान आराधक पूज्य जैन दिवाकर चौथमलजी म.सा. के बताए हुए मार्ग पर चलते हुए उनके संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य पूज्य धर्ममुनिजी म.सा. एवं उनके सभी सुशिष्य कर रहे है। आपके संदेश मानव सेवा के लिए प्रेरणा देने के साथ जिनशासन से जोड़ने का कार्य भी करते है। कहा कि राजस्थान जैन कॉन्फ्रेंस की प्रान्तीय महिला शाखा के सदस्य भी पूज्य गुरूदेव के बताए हुए मार्ग पर चलते हुए जैन धर्म व दर्शन से आम श्रावक-श्राविकाओं का जुड़ाव मजबूत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन निरन्तर करते रहते है। जैन कॉन्फ्रेंस की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लाड़जी मेहता ने कहा कि मोक्ष में जाने का एक मार्ग तप है। तप से काया कंचन सी हो जाती हैं। जिंदगी भर कितना ही हम खाते रहे, लेकिन फिर भी तृप्ति नहीं हो पाती है।अतः जिसने भी रसनद्रिय को वश में किया है, दृढ़ मनोबल रखा है, रसना का स्वाद छोड़ा है, उन सभी भाई बहनों को बहुत-बहुत धन्यवाद। इस अवसर पर जैन कॉन्फ्रेंस के मंत्री सिद्धराज सिंघवी, युवा प्रान्तीय महामंत्री मनीष दानी, रेणु दानी , सीमा डक , डिम्पल मेहता , साम्भर साहब , ललिता मेहता ,डूंगला श्रीसंघ के मंत्री कनकमल दक आदि मौजूद थे।