’जिंगल बेल’ सॉन्ग का क्रिसमस से नहीं है कोई कनेक्शन, जानें इसकी रोचक बातें

क्रिसमस पर बजने वाला गीत जिंगल बेल्स इस पर्व का अहम हिस्सा माना जाता है. इस सॉन्ग की कहानी दिलचस्प है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. जानते हैं ये पहले बार कहां बजा था और किसने बनाया

क्रिसमस एक थैंक्सगिविंग सॉन्ग है जिसे साल 1850 में जॉर्जियां के सवाना के म्यूजिक डायरेक्टर जेम्स पियरपॉन्ट ने बनाया था. 1890 में ये हिट सॉन्ग बन गया.

जब इसे बनाया गया तब क्रिसमस से इसका कोई कनेक्शन नहीं था, न ही इसमें क्रिसमस का कोई जिक्र मिलता है. तब इसे 'वन हॉर्सओपन स्लेई' के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में इसे क्रिसमस और सेंटा क्लॉज से जोड़ दिया गया.

कहते हैं कि अंतरिक्ष में बजने वाला पहला गाना जिंगल बेल ही था. इसे 16 दिसंबर 1965 को नासा की जेमिनी 6A अंतरिक्ष उड़ान के दौरान अंतरिक्ष में बजाया गया था.

कहते हैं कि इस सॉन्ग के रिलीज के दो साल बाद इसका टाइटल जिंगल बेल्स कर दिया गया. सेंटा क्लॉज के हाथ में जो घंटी है उसे जिंगल बेल के नाम से जाना जाने लगा.

जिंगल बेल्स की थीम पर अब अनेक भाषाओं में इसके वर्जन बन गए हैं. भारत में इसका मराठी भोजपुरी वर्जन भी फेमस हुआ है.

क्रिसमस पर जैसे केक, कैंडल्स और सेंटा क्लॉज का महत्व है उसी तरह अब इस गाने के बिना क्रिसमस अधूरा माना जाता है.
