एक पेड़ देश के नाम अभियान के तहत दुर्ग पर लगाए कल्पवृक्ष 

एक पेड़ देश के नाम अभियान के तहत दुर्ग पर लगाए कल्पवृक्ष 
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चित्तौड़गढ़ ! राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पर्यावरण गतिविधि के माध्यम से देशभर  में चल रहे एक पेड़ देश के नाम अभियान के तहत दुर्ग पर धार्मिक महत्व के पौधे कल्पवृक्ष के जोड़े का रोपण किया गया यह जानकारी देते हुए गतिविधि के सतीशसोनी ने बताया कि गतिविधि द्वारा जन्मदिन विवाह की वर्षगांठ आदि मांगलिक अवसरों पर वृक्षारोपण पर जोर देता है इसी के तहत पुराने शहर के एक बुजुर्ग दंपत्ति रामेश्वर लाल एवं रत्नीदेवी पुंगलिया ने  अपनी55 वीं वर्षगांठ पर वृक्षारोपण की इच्छा जताई जिस पर पर्यावरण गतिविधि चित्तौड़ के कार्यकर्तओं ने दुर्ग पर उक्त वृक्षारोपण प्रांत नारी शक्ति प्रमुख साधना मेंलाना क्षेत्र संयोजक विनोद मेलाना प्रांत संयोजक धर्मपाल गोयल भीलवाड़ा नारी शक्ति प्रमुख दीपा सिसोदिया इत्यादि के सानिध्य में दुर्ग पर स्थित नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर के सामने परिसर में  ट्री गॉर्ड सहित कल्पवृक्ष के पौधों का रोपण किया गया तथा बुजुर्ग दंपत्ति द्वारा उक्त पौधों के पालन पोषण का संकल्प किया गया!

इसके साथ ही दुर्ग पर वन्यजीव सेवा के तहत मछलियों बंदरों और श्वानों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई उपस्थित लोगों से आह्वान करते हुए क्षेत्र संयोजक विनोद मेलाना ने कहा कि अपना जन्मदिनभारतीय संकृति के अनुसार मना कर पर्यावरण संरक्षण युक्त जन्मदिन मनाने से प्रकृति और पर्यावरण शुद्ध होगा और हम सब को प्राणवायु मिलेगी वही कल्पवृक्ष के धार्मिक महत्व को बताते हुए धर्मपाल गोयल ने बताया कि कल्पवृक्ष का भारतीय धार्मिक साहित्य में काफी महत्व है इसे स्वर्ग का पौधा माना गया है तथा आमजन में यह धारणा है कि इसके नीचे इच्छा करने से वह इच्छा पूर्ण होती है परंतु वास्तव में इसे कल्पवृक्ष इसलिए कहते हैं क्योंकि यह रोटी कपड़ा और मकान तीनों प्रकार की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम पौधा है मूलतः दक्षिण अफ्रीका का यह पौधा वहां के आदिवासियों की संपूर्ण जरूरतों को पूरा करता है परंतु भारत में हजारों वर्षों पूर्व यह पौधा आ गया था मूल रूप से मध्यप्रदेश के मांडू में यह पौधा काफी फैलता है इसे मांडू की इमली भी कहते हैं और यह विश्व हेरिटेज में भी संरक्षित है क्योंकि इनकी आयु हजारों वर्ष की भी है कार्यक्रम में गोपाल कृष्ण दाधीच पद्मावती सेवा संस्थान के ओम प्रकाश माली महेंद्र जगदीश चंद्र वैष्णव नमन गोयल पर्यावरण गतिविधि के सतीश सोनी गोविंद सोनी लोकेश कीर आदि रहे पौधों की पूजा मंत्रोच्चार के साथ मंदिर पुजारी महेश चंद्र शर्मा ने की

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