कर्नाटक कांग्रेस घोषणा पत्र बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव,विरोध प्रदर्शन का भी एलान

कर्नाटक कांग्रेस घोषणा पत्र बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव,विरोध प्रदर्शन का भी एलान
X

 

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी किया। इसमें बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। अब इसको लेकर विवाद शुरू हो गया है। संगठन ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसी के विरोध में बजरंग दल ने दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन का भी एलान किया। कभी हिंदू चेतना जागृति के लिए बना यह संगठन पहले भी कई बार विवादों में रहा है। 

कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल पर बैन लगाने की बात क्यों कही? बजरंग दल किन विवादों में रहा है? कर्नाटक में इस संगठन से जुड़े बड़े विवाद क्या हैं? क्या कभी पहले भी इस पर प्रतिबंध लगा है? कांग्रेस के वादे पर बजरंग दल क्या बोला? भाजपा ने इस वादे पर कैसे हमला किया? आइये जानते हैं…

 

Bajrang Dal: karnataka congress promised to ban Bajrang Dal if voted in favour, here is orgs controversies

 

कांग्रेस ने घोषणा पत्र में बजरंग दल पर बैन लगाने की बात क्यों कही? 
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की तुलना विश्व हिंदू परिषद की युवा शाखा बजरंग दल से करते हुए कहा कि वह ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाएगी, जो दुश्मनी या नफरत को बढ़ावा देते हैं। घोषणा पत्र में कहा गया कि अगर पार्टी राज्य में सत्ता में आती है, तो नफरत फैलाने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाने सहित कानून के अनुसार निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।
 

 

Bajrang Dal: karnataka congress promised to ban Bajrang Dal if voted in favour, here is orgs controversies

विहिप के अंतरराष्ट्रीय जॉइंट जनरल सेक्रेटरी डॉ. सुरेंद्र जैन - फोटो : Amar Ujala

बैन करने के कांग्रेस के वादे पर बजरंग दल क्या बोला?
कांग्रेस की इस घोषणा का बजरंग दल के मातृ संगठन विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कड़ा विरोध किया है। संगठन ने कहा है कि एक राष्ट्रविरोधी संगठन पीएफआई से बजरंग दल की तुलना दुर्भाग्यपूर्ण है। विहिप के शीर्ष नेता डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा है कि कांग्रेस ने एक राष्ट्रभक्त संगठन बजरंग दल की तुलना राष्ट्रविरोधी संगठनों से कर अपनी मानसिकता का परिचय दिया है। 

विश्व हिंदू परिषद की यात्रा को सुरक्षा देने के लिए हुआ था गठन
अक्टूबर 1984 की बात है। विश्व हिंदू परिषद की पहली धर्म संसद में मंदिर आंदोलन की शुरुआत हुई। इसके साथ ही राम जानकी रथयात्रा के नाम से नियमित रूप से शोभा यात्रा निकालने की शुरुआत हुई। इसका मकसद था कि लोगों को हिंदुत्व के बारे में अधिक से अधिक बताया जाए। 

यात्रा के आयोजकों को धमकियां मिलीं, तो विश्व हिंदू परिषद ने यूपी सरकार से यात्रा को सुरक्षा देने की मांग की। लेकिन, यूपी सरकार ने सुरक्षा देने से इनकार कर दिया। तब कुछ युवाओं ने अपनी ओर इस यात्रा को सुरक्षा प्रदान करने का एलान कर दिया। इन युवाओं के संगठन को बजरंग दल नाम मिला।

Next Story