केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद बोले- राजनीतिक हथियार की तरह हो रहा फतवों का इस्तेमाल, मेरे खिलाफ भी जारी हुआ था

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद बोले- राजनीतिक हथियार की तरह हो रहा फतवों का इस्तेमाल, मेरे खिलाफ भी जारी हुआ था
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अपने पुराने दिनों को याद करते हुए केरल के राज्यपाल ने बताया कि जब वे जब वे कांग्रेस के सदस्य हुआ करते थे तब कई बार उनके खिलाफ फतवे जारी किए गए थे। उन्होंने कहा कि 'मैं भाजपा का हिस्सा नहीं था। मैं अपना भाषण हिंदी में दिया करता था। उस जमाने में हिन्दी के शब्दों के इस्तेमाल पर भी फतवा दिया जाता था।'

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार को 'फतवा' या इस्लामी धार्मिक फरमानों को राजनीतिक हथियार के रूप में प्रयोग किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब वे कांग्रेस के सदस्य हुआ करते थे तब कई बार उनके खिलाफ फतवे जारी किए गए थे। उन्होंने आरएसएस से जुड़े साप्ताहिक पांचजन्य द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में बोलते हुए यह बातें कहीं। 



राजनीतिक कारणों से दिए जाते हैं फतवे
सम्मेलन में अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कुफ्र फतवे वास्तव में केवल राजनीतिक कारणों से दिए जाते हैं। इतना ही नहीं, इनका राजनीतिक हथियारों के रूप में प्रयोग किया जाता है। केरल के राज्यपाल ने कहा कि इस्लाम में इस तरह के फरमानों के लिए कोई जगह नहीं है। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि सभी समाजों में हमेशा दो विचार होते हैं, लेकिन जिनके पास शक्ति है वे अपने विचारों का प्रचार करते हैं। शासकों द्वारा उलेमा वर्ग का निर्माण इसलिए किया गया था ताकि उनके निर्णयों को धार्मिक वैधता प्राप्त हो सके। 

कुरान का दिया उदाहरण
उन्होंने आगे कहा कि पैगंबर के निधन के बाद से इस्लाम धर्म को राजनीति ने अपने कब्जे में ले लिया है। कुरान में कम से कम 200 उदाहरण हैं जहां यह कहा गया है कि केवल निर्माता ही यह तय कर सकता है कि क्या सही है और क्या गलत है...कुरान के अनुसार इसे तय करने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि फतवा इस्लामिक मौलवियों द्वारा दिया गया एक धार्मिक फरमान है।

अपने पुराने दिनों को याद करते हुए केरल के राज्यपाल ने बताया कि जब वे जब वे कांग्रेस के सदस्य हुआ करते थे तब कई बार उनके खिलाफ फतवे जारी किए गए थे। उन्होंने कहा कि 'मैं भाजपा का हिस्सा नहीं था। मैं अपना भाषण हिंदी में दिया करता था। उस जमाने में हिन्दी के शब्दों के इस्तेमाल पर भी फतवा दिया जाता था।'

केरल सरकार से विवाद पर भी बोले राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान
इस दौरान केरल के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और उनके बीच मतभेदों के बारे में भी बात की। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि केरल सरकार के साथ कोई संघर्ष नहीं है। जिस क्षण मैं वहां पहुंचा, सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) आया। वे इस बात को पचा नहीं पाए कि केरल में एक संवैधानिक कार्यालय सीएए के समर्थन में आ सकता है।

सीएम विजयन के साथ अपनी बातचीत का हवाला देते हुए आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि 'उन्होंने सीएम से कहा कि वह केवल अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। मैंने सीएम से कहा कि मैं जानता हूं कि आप कम्युनिस्ट हैं। और यहां तक कि मैं भी संगठित धर्म को मानने वाला नहीं हूं। बल्कि मैं अध्यात्म में विश्वास रखता हूं। मैंने उनसे कहा कि धर्म का अर्थ जवाबदेही है और मैंने उनसे कहा कि मेरी जवाबदेही संविधान है।'

 

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