नाता प्रथा और बाल विवाह अभिश्रााप साबित हुआ फिर एक बार भीलवाड़ा की नन्ही बालिक के लिए

भीलवाडा । आज 13 वर्ष की बालिक जो अपने माता पिता दोनो के नाता विवाह के कारण हुई पताडित और तो और उसके खेलने पढ़ने की उम्र में बालिक का भी हुआ बाल विवाह 3 माह पहले।
श्री रचाना विकास संस्थान से गरिमा सिंह और रूबीना बानो को सूचना मिली की एक बालिका आर के कॉलोनी दारू गोदाम के पास अकेली बैठी है। जिस पर संबंधित थाना सुभाष नगर थाने में संपर्क कर सूचना दी गईं। और सुभाष नगर थाने में रोज नामचा दर्ज कर बालिका को सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष चंद्रकला ओझा के समीप पैश किया गया। और बालिका ने बताया कि वह जब 2 साल की थी। तब उसकी मां ने और पापा ने अलग अलग नाता विवाह कर लाया था। जब से बालिका अपने नाना और नानी व मामा के साथ रह रही थी। आए दिन मामा और मामी परेशान करते थे। और मेरा 3 माह पहले बाल विवाह भी कर दीया था। मुझे 3 बार मेरे सुसराल भेजना गया था। और आज सुबह मेरे मामा और मामी ने मुझे घर से बाहर निकाल दिया। और कहा कि तेरे मां बाप तो तुझे हमारे माथे छोड़ गए। इस लिए बालिका भीलवाड़ा आ पहुंची।