जानें कितना भव्य होगा राम मंदिर
अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में रामलला विराज चुके हैं। सोमवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही 22 जनवरी 2024 की तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। मंगलवार से मंदिर को आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया। सुबह से ही राम जन्मभूमि परिसर में दर्शनार्थियों का तांता लगा रहा। जिस मंदिर में भगवान राम विराजे हैं वह राम मंदिर परियोजना का पहला चरण था। प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब मंदिर के बाकी हिस्से का काम होगा जिससे राम मंदिर का स्वरूप और भी दिव्य और भव्य हो जाएगा। पूरे मंदिर को तीन चरणों में पूरा किया जाना है। अभी मंदिर में कितना निर्माण हुआ है?
9 नवंबर 2019 को सर्वोच्च अदालत के फैसले से अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। जिस स्थल को लेकर सदियों तक लड़ाई चली सर्वोच्च न्यायालय ने उसे श्रीराम जन्मभूमि माना। इसी के साथ 2.77 एकड़ भूमि रामलला के स्वामित्व की मानी गई। अब बारी थी निर्माण की। 5 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा की। ठीक छह महीने बाद 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी गई, जिसमें पीएम मोदी शामिल हुए। भूमि-पूजन के साथ ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर के पहले चरण का आधिकारिक तौर पर निर्माण शुरू हो गया। राम मंदिर के निर्माण का काम एलएंडटी कंपनी को मिला है।
निर्माण शुरू होने के करीब तीन साल बाद मंदिर के पहले चरण का काम पूरा हुआ। राम मंदिर का पूरा परिसर 70 एकड़ में फैला है। परिसर में मुख्य मंदिर 2.7 एकड़ में बनाया जा रहा है, जिसकी ऊंचाई 161 फीट है। एक बार पूरा होने पर मंदिर में तीन तल होंगे और 12 द्वार होंगे।
फिलहाल मंदिर का भूतल, प्रवेश द्वार और गर्भगृह बना है। पहला और दूसरा तल निर्माणाधीन है। इसके भूतल पर पांच मंडप बनाए गए हैं जिनमें गृह मंडप, कीर्तन मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप और प्रार्थना मंडप शामिल हैं। मंदिर की परिक्रमा गोलाई में बनाई गई है। इस तरह से मंदिर की अनुमानित लागत ₹1,800 करोड़ है। मंदिर परिसर में क्या-क्या बनना है?
राम मंदिर की निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंदिर परिसर में आगे की निर्माण योजना पर जानकारी देते हुए कहा है कि पूरा मंदिर 2024 के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा। नृपेंद्र मिश्रा ने बताया, 'हम 23 जनवरी से नए उत्साह और नई प्रतिबद्धता के साथ अपना काम शुरू करेंगे ताकि 2024 में ही पूरा मंदिर बनाया जा सके। मंदिर में परकोटा बनाया जा सके। मंदिर परिसर में सात और मंदिर बनाए जाने हैं जो सामाजिक समरसता के प्रतीक होंगे।
मुख्य मंदिर में अभी कितना काम बाकी है?
हाल ही में जिस मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई है, उसका दूसरा और तीसरा तल अभी बन रहा है। इस मंदिर में एक मुख्य शिखर और पांच उप शिखर भी बनने हैं। मंदिर में 392 खंभे हैं जिसमें से 166 खंभे भूतल पर, 136 प्रथम और 90 द्वितीय तल पर हैं। हर खंभे में देवी-देवताओं, नृत्यांगनाओं, देव कन्याओं, यक्ष और गंधर्वों की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं। इन मूर्तियों की संख्या छह हजार से ज्यादा होगी। प्रथम और द्वितीय तल पर यह काम अभी जारी है जबकि भूतल पर पूरा कर लिया गया है।
वहीं मौजूदा शिखर को और भी भव्य बनाने का काम इसी हफ्ते शुरू होगा। दिसंबर 2024 तक भव्य शिखर का काम पूरा होगा। यह शिखर बनने के बाद सोने के कलश से दमकेगा।
मुख्य मंदिर कितना भव्य होगा?
प्रथम तल पर भगवार राम राज सिंहासन पर राजा के रूप में विराजेंगे। राम दरबार होगा जिसमें सीता जी रानी के रूप में होंगी। एक तरफ भाई लक्ष्मण और दूसरी तरफ दो अन्य भाई भरत और शत्रुघ्न होंगे। इसके अलावा राम दरबार में गुरू और मंत्रीगण भी शामिल होंगे।
मंदिर के द्वितीय तल पर एक भव्य परकोटा बनाए जाने की योजना है, जिससे मंदिर परिसर चारों तरफ से घिर जाएगा। जानकारी के अनुसार, परकोटे की थीम रामनगरी के संत-धर्माचार्यों और रामकथा के मर्मज्ञ लोगों की राय से तैयार की गई है। परकोटे की चौड़ाई 14 फीट होगी जो कि प्रदक्षिणा पथ के रूप में भी उपयोग होगा। राम मंदिर का परकोटा 60 फीट ऊंचा होगा।
भव्य परकोटा में सात मंदिर बनाए जाएंगे जिनमें भगवान विष्णु, शिव, ब्रह्मा, गणेश, हनुमान, दुर्गा और सरस्वती की मूर्तियां स्थापित होंगी। परकोटे में भारतीय संस्कृति, धार्मिकता को दर्शाती तरह-तरह की नक्काशी भी की जाएगी, जो परिसर की भव्यता बढ़ाएगी।