जानें आखिर क्‍यों बढ़े गर्मी में झगड़े, दिमाग का क्‍या है लोचा

जानें आखिर क्‍यों बढ़े गर्मी में झगड़े, दिमाग का क्‍या है लोचा
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तीखी धूप और प्रचंड गर्मी ना केवल शरीर को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि यह मानसिक संतुलन को भी बिगाड़ रही है। यदि अचानक से घरों में लड़ाई-झगड़े बढ़ रहे हैं, असामान्य हरकतें हो रही हैं, चिड़चिड़ापन और तनाव ज्यादा हो रहा है, तो इसके पीछे गर्मी भी बड़ा कारण हो सकता है।

गर्मी का मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ रहा असर

दरअसल, इस साल गर्मी ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। इसका सीधा असर अब मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। शरीर में निकलने वाले कई हार्मोन असंतुलित हो रहे हैं। ऐसे में मिजाज को प्रभावित करने वाला डोपामाइन और सेरोटोनिन हार्मोन भी असंतुलित हो रहा है। इससे लोग चिड़चिड़े हो रहे हैं और यही झगड़े का कारण बन रहा है।

इस वर्ष रिकार्ड गर्मी पड़ रही है। तापमान 40 के ऊपर चल रहा है। यही वजह है कि लोगों का मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। लोग पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं। यहीं से परेशानी शुरू हो रही है। डा. नरेश खण्डेलवाल

ये हार्मोन कर रहे प्रभावित

डोपामिन: डा. दुष्यंत शर्मा के अनुसार, डोपामिन हार्मोन गर्मी की वजह से कम या ज्यादा स्रावित होने लगा है। इसके कारण शक, आवेश अथवा उन्माद तेजी से पनप रहा है। हार्मोन डोपामाइन के असंतुलित होने से शक, आवेश और उन्माद बढ़ रहा l

सेरोटोनिन: यह हार्मोन निराशा का भाव पैदा करता है। ज्यादा गर्मी होने और नींद नहीं आने के बाद यह हार्मोन असंतुलित हो रहा है, जिससे मन में नकारात्मकता और निराशा का भाव पैदा हो रहा है।

माइग्रेन: माइग्रेन से ग्रसित मरीजों को गर्मी ज्यादा प्रभावित कर रही है। महिलाओं में सिरदर्द के 90 फीसदी मामले माइग्रेन के होते हैं। यही वजह है कि महिलाएं घरों में चिड़चिड़ापन की शिकार हो रही हैं।

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