लेडी पुलिस इंस्पेक्टर, मौत के मुंह से युवक को बचा लाई...

लेडी पुलिस इंस्पेक्टर, मौत के मुंह से युवक को बचा लाई...
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मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में पदस्थ ट्रैफिक सूबेदार सोनम पाराशर का एक वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है क्योंकि इस वीडियो में सोनम पाराशर एक राहगीर की जान बचाने की भरसक कोशिश कर रही है। उस शख्स को हार्ट अटैक आया था। सोनम पाराशर के कारण उसकी जान बच गई।

 

 

 

    राहगीर को आया अटैक,चंद सेकंड में मौत के मुंह से खींच लाई लेडी पुलिस, CPR देकर बचाई जान

     

    महिला सूबेदार सोनम पाराशर ने ऐसे बचाई जान

    महिला सूबेदार सोनम पाराशर ने ऐसे बचाई जान


    सड़क पर पैदल जा रहे 62 वर्षीय रिटायर्ड अकाउंटेंट को अचानक हार्ट अटैक आ गया और वह चक्कर खाकर सड़क पर गिर पड़े। पास ही में ड्यूटी कर रही महिला सूबेदार सोनम पाराशर को जब इस घटना की भनक लगी तो वह तत्काल दौड़कर पहुंची और बिना समय गवाएं सीपीआर [ कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन ] देकर राहगीर की जान बचा ली। उन्हें पुलिस के वाहन से ही अस्पताल ले जाया गया, आप शख्स खतरे से बाहर बताया जा रहा है।

    यह पूरा घटनाक्रम सोमवार सुबह करीब 11 बजे गोला का मंदिर चौराहे की है। अगर कुछ समय और इन्हें हॉस्पिटल ले जाने में या सीपीआर देने में देरी हो जाती तो शायद कोई अनहोनि हो सकती थी। एसएसपी अमित सांघी ने महिला सूबेदार के काम को सराहनीय बताते हुए उन्हें सम्मानित करने की घोषणा की है।

     

    जानिए महिला सूबेदार ने क्या कहा

     

    जानिए महिला सूबेदार ने क्या कहा

    2016 बैच की ट्रैफिक सूबेदार सोनम पाराशर ने जानकारी में बताया कि उन्होंने जियोग्राफी से मास्टर डिग्री की है। पुलिस ट्रेनिंग में सिखाया जाता है कि यदि कोई इस तरह की घटना मिले, तो किस तरह उसे सीपीआर देकर जान बचाई जा सकती है। ट्रेनिंग में सीखे हुए उपाय की मदद से प्राथमिक उपचार दिया। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मेरी ट्रेनिंग से एक राहगीर की जान बच गई।

    पीड़ित अनिल उपाध्याय ने कहा

    पीड़ित अनिल उपाध्याय ने कहा

    पीड़ित अनिल उपाध्याय की हालत पहले से अब ठीक है। अनिल उपाध्याय बिजली कंपनी से रिटायर्ड हैं। बेटा गुड़गांव मेदांता में अमित उपाध्याय डॉक्टर है। घटना के समय वह घर पर ही थे। डॉक्टर अमित ने जानकारी देते हुए बताया कि पिता जी को ट्रैफिक सूबेदार सोनम पाराशर ने ही नई जिंदगी दी है। जिस टाइम उनको माइनर अटैक आया था, वह कीमती वक्त होता है। उस वक्त सूबेदार ने वो किया जो कोई डॉ. करता है। उनके इस सराहनीय कार्य को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

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