वकील हत्याकांड- मृत शरीर का सम्मान एक्ट के तहत हमीरगढ़ थाने में 150 लोगों पर एफआईआर दर्ज 

 वकील हत्याकांड- मृत शरीर का सम्मान एक्ट के तहत हमीरगढ़ थाने में 150 लोगों पर एफआईआर दर्ज 
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 भीलवाड़ा प्रेमकुमार गढ़वाल। मृतक शरीर की गरिमा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में हाल ही में लागू हुए राजस्थान मृत शरीर का सम्मान विधेयक-2023 पर जिले की हमीरगढ़ थानेे ने एफआईआर दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि मारपीट में घायल वकील मोहनलाल अहीर की उदयपुर के अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। शुक्रवार शाम को बड़ी संख्या में लोगों ने मृतक के परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी, एक करोड़ रुपये मुआवजा और दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग को लेकर हमीरगढ़ थाने के बाहर शव के साथ प्रदर्शन किया और शाम 5 से रात 11.30 बजे तक  रास्ता रोके रखा। जिससे जनता को काफी परेशानी हुई। हमीरगढ़ थाना पुलिस ने 11 नामजद लोगों सितह 100 से 150 अन्य लोगों के खिलाफ  रास्ता रोकने और मृत शरीर के सम्मान अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया है। बता दें कि इससे पहले ऐसा ही एक मामला सुभाषनगर थाना पुलिस ने हादसे में एक महिला की मौत के बाद लोगों व परिजनों द्वारा शव के साथ प्रदर्शन को लेकर दर्ज किया था। 

इन पर दर्ज की गई एफआईआर 

 हमीरगड़ थाना प्रभारी दिलीप सिंह की रिपोर्ट पर तख्तपुरा निवासी किशन अहीर उर्फ  दाजी पुत्र उदा अहीर, शंकर अहीर पुत्र कालु अहीर, रामेश्वर अहीर उर्फ  राहुल पुत्र नारायण लाल अहीर, सत्यनारायण कालबेलिया पुत्र रूपा कालबेलिया, राधेश्याम गाडरी पुत्र कालु गाडरी,  कालु अहीर पुत्र गंगाराम अहीर, मोहनदास वैष्णव पुत्र जानकीदास वैष्णव, पप्पु लाल अहीर (नागणिया वाला) पुत्र शंकर लाल अहीर,  भैरू नायक पुत्र बीरबल नायक, चुन्नी लाल अहीर पुत्र चतरू अहीर और सेमलिया चित्तौडग़ढ़ निवासी मिथून अहीर के द्वारा मृतक के परिवारजन को गुमराह कर 100-150 अन्य लोग (जिनमे 50-100 औरते शामिल)। हमीरगढ़ थाने में दर्ज इस प्रकरण की जांच मंगरोप थाना प्रभारी डॉ. विवेक हरसाना के जिम्म की गई।   

यह दर्ज की एफआईआर 

गौरतलब है कि तख्तपुरा निवासी मोहन लाल 40 पुत्र नारू लाल अहीर के साथ कुछ लोगों ने शादी समारोह से लौटने के दौरान रास्ते में रोककर अगवा करने के बाद हमला किया था। इसके चलते अहीर गंभीर रूप से घायल हो गये थे, जिनकी उदयपुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी।  पोस्टमार्टम के बाद उदयपुर से शव को घर लेकर आते समय नेशनल हाईवे 79 तख्तपुरा चौराया पर लाश को रूकवाकर गॉव तख्तपुरा व अन्य गॉव के लोग मृतक के परिवारजन को गुमराहा कर मुआवजे व अन्य मांग करने के लिए लाश को शाम करीब 5 बजे पुलिस थाना हमीरगढ के सामने लेकर आये व रेल्वे स्टेशन से हमीरगढ कस्बा में जाने वाले आम रोड थाने के गेट के सामने लाश को रखकर परिवारजन को गुमराहा कर मृतक के परिवार के दो सदस्यो को सरकारी नौकरी, मुल्जिमानो की हाईवे पर स्थित होटल को बुल्डोजर चलकार ध्वस्त करने व एक करोड का नगद मुअवाजा की मांगे कर धरना प्रदर्शन करने लग गये व मांगे नही माने जाने तक मौके से शव को नही उठाने देंने की चेतावनी दी।  सभी लोगो ने एक दुसरे को उकसाकर अपनी अनुचित मांगो को अपने तरीके से मनवाने के लिए एक राय होकर मृतक मोहन लाल अहीर के शव को घेर कर धरना लगाकर रेल्वे स्टेशन से हमीरगढ कस्बा में जाने वाली मुख्य आम रोड पर थाना हमीरगढ के सामने जाम लगाकर रोड पर गुजरने वाले छोटे बड़े वाहनो को रोककर आमजन के आवागमन को पूर्ण से अवरूद्व कर दिया। मौके पर  मंगरोप, सदर, सुभाषनगर व सिटी कन्ट्रोल रिर्जव जाप्ता व आरपीएल से भी मौके  पर जाप्ता बुलवाया गया। समस्त उच्चाधिकारीयों द्वारा धरने पर बैठे धरनार्थियों से वार्ता की परन्तु उपरोक्त धरनार्थी अपनी अनुचित मांगो को मनवाने का प्रयास करते रहे जिस पर  एसडीएम व तहसीलदार  हमीरगढ द्वारा उचित मांगो को मानते हुए धरनार्थियो से धरना समाप्त कर रोड खाली करने की अपील की परन्तु धरना स्थल पर मौजूद सभी लोगो ने कहा की जब तक हमारी मांगो को लेकर लिखित मे आश्वासन नही देते है तब तक हम धरना व शव नही उठायेंगे व रोड जाम को जारी रखेगे व शव को रोड पर रखकर लगातार रोड को जाम रखा । बाद में उच्चाधिकारियों द्वारा मृतक के परिजनों को सरकारी मदद व दोषियों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही का आश्वासन धरनार्थियो को दिया गया। काफी समझाईस के बाद समय लगभग रात्री 11.30 बजे के आस-पास मृतका के शव को घर लेकर गये व रोड जाम हटवाया गया। 

नये एक्ट में यह है प्रावधान

- परिजन द्वारा मृत व्यक्ति का शव नहीं लेने पर 1 साल की सजा व जुर्माना।
- परिजन द्वारा धरना-प्रदर्शन में शव का उपयोग करने पर 2 वर्ष तक की सजा व जुर्माना।
- परिजन के अलावा अन्य व्यक्ति पर 6 महीने से 5 साल तक की सजा व जुर्माना।
- कार्यपालक मजिस्ट्रेट को मृतक का अंतिम संस्कार 24 घंटे में कराने की शक्ति। 

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