सेही के शिकार के प्रयास में घायल हुए तेंदुएं का उपचार कर छोड़ा जंगल में

सेही के शिकार के प्रयास में घायल हुए तेंदुएं का उपचार कर छोड़ा जंगल में
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चितौड़गढ़। जिले के विजयपुर इलाके में गुरुवार को वन विभाग की टीम व वन्य जीव प्रेमी ने काफी साहस और सूझबूझ से काम लिया है। मौत को सामने देख कर भी नहीं घबराए और बिना ट्रेंकुलाइज किए तेंदुए को रेस्क्यू कर उसका उपचार कर बाद में उसी स्थान पर छोड़ दिया। इतना ही नहीं तंेदुए ने इन पर हमला भी नही किया। दरअसल सेही के कांटे लगने के बाद तंेदुआ जख्मी हो गया था। जिसने संभवतया सेही के शिकार का प्रयास किया था। जानकारी में सामने आया कि गुरुवार सुबह जिले के विजयपुर थाना इलाके में आने वाले कर्माखेडा गांव में किसान खेतों पर बुवाई करने गए थे। इस दौरान इन्होंने खेत पर एक पेड़ के नीचे तेंदुए को घूमते हुवे देखा जो लगातार दहाड़ रहा था। ऐसे में किसान खेत पर नहीं जा पाए और वन विभाग को सूचना दी। इस सूचना पर वन विभाग की टीम भी खेत पर पहुंच जानकारी ली। जिसमें यह तेंदुआ काफी पीड़ा में दिखाई दिया था। ध्यान से देखने पर पता चला की वह जख्मी है। बाद में वार्ड पंच एवं वन्य जीव प्रेमी राजेंद्र पाराशर को भी बुलाया गया। पाराशर और वन विभाग की टीम ने प्रयास कर के तेंदुए के पास गए, जिन्हें देख कर वह लगातार गुर्रा रहा था। फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और तेंदुए के लगातार पास जाने लगे। नजदीक देखा तो पता चला कि इसके शरीर में जगह-जगह कांटे लगे हुवे थे। ऐसे में टीम ने हिम्मत दिखाते हुवे इस पर जाल डाल काबू में कर लिया। बाद में इसका उपचार कर सभी कांटे निकाले गए। इसके जख्मों पर दवा भी लगाई गई। बाद में तेंदुए को वहीं छोड़ दिया। उपचार के बाद तेंदुए का गुर्राना भी बंद हो गया और आराम से चल भी पा रहा था। वन विभाग की टीम, वन्य जीव प्रेमी और लोगों ने काफी पास से तेंदुए के फोटो भी खिंचे, जो सोशल मिडिया पर भी वायरल हो रहे है। आशंका जताई जा रही है कि तेंदुआ सेही के शिकार का प्रयास किया होगा, जिसमें मुंह, पैर सहित अन्य अंगों पर कांटे घुस गए थे। 

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