ठेकों पर बिक रही थी सरकारी रेट से भी कम रेट में शराब, पड़ा छापा, शराब जब्त, दो आरोपित फरार, दो दुकानें सीज

ठेकों पर बिक रही थी सरकारी रेट से भी कम रेट में शराब, पड़ा छापा, शराब जब्त, दो आरोपित फरार, दो दुकानें सीज

भीलवाड़ा हलचल। जिस राशि में सरकार शराब इश्यू नहीं करती, उससे सस्ती शराब ठेकों पर बिक रही है। इस तरह की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद संदेह के घेरे में आये दो शराब ठेकों पर बुधवार को आबकारी विभाग ने कार्रवाई करते हुये शराब (नकली या रिफिल कर बनाई गई ) के दस कर्टन बरामद कर दोनों ही दुकानों को सीज कर दिया। इन पर काम करने वाले दो लोग फरार हो गये, जिनकी तलाश की जा रही है। आबकारी विभाग का दावा है कि इनके पकड़े जाने के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। फिल्हाल प्रकरण पंजीबद्ध करने की कार्रवाई चल रही है।
आबकारी डीईओ लोकेश जोशी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि शहर में कुछ स्थानों पर बहुत ही कम रेट यानि 20 से 25 प्रतिशत कम रेट में अंग्रेजी शराब (इम्पीरियल ब्लू और मेकडावेल नंबर वन) की बिक्री हो रही है।
इस सूचना पर आबकारी विभाग की टीम पिछले दस-पन्द्रह दिनों से लगातार वॉच कर रही थी। इस दौरान यह पता लगाया गया कि कहां पर इस तरह की बिक्री हो रही है, इसका पता लगाने के साथ-साथ शराब की खरीद भी करवाई।
उन्होंने बताया कि वार्ड नंबर 12 जिसके अनुज्ञाधारी निखिल मुंदड़ा और वार्ड नंबर 61 से 65 सुखाडिय़ा सर्किल जिसके अनुज्ञाधारी अभिषेक पटवा हैं। इन दोनों की दुकानों पर आज आबकारी विभाग ने जांच की, जहां नकली माल या रिफिल किया हुआ मालमिला है। शराब की अब लैब में जांच होगी कि इनमें कौनसा माल भरा हुआ है। किस प्रकार से भरा गया। इन दुकानों पर काम कर रहे लेखराज व रघुवीर मीणा वहां से भाग गये। इनकी लगातार तलाश जारी है। दबिशें दी जा रही है। उन्होंने बताया कि अब विभाग इन दोनों अनुज्ञाधारियों के लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई कर रहा है।

आशंका यह है
आबकारी अधिकारी ने बताया किप्रथमदृष्टया आशंका यह है कि इन लोगों ने सस्ती वाली जो आरएमएल आती है, उसको ये लोग रिफिल कर उसे महंगी वाली शराब बनाकर बैच रहे थे।

स्प्रिट से तो नहीं बनाई जा रही थी शराब, होगी जांच
आबकारी अधिकारी ने बताया कि ये लोग कहीं से स्प्रिट लाकर तो यह शराब नहीं बना रहे थे, इसकी भी जांच की जायेगी। स्प्रिट से बनाई गई शराब बहुत घातक हो सकती है। उन्होंने बताया कि एक बार बोतल खुलने के बाद उसे रिफिल की जाती है तो इस बात की कोई गारंटी नहीं होती है कि शराब पीने लायक रहती है या नहीं रहती है।

इनका रहा अहम रोल
आबकारी अधिकारी ने बताया कि इस कार्रवाई में आबकारी विभाग के राजेंद्र सिंह राणावत व शिवराज मीणा का अहम रोल रहा।

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