पतंगों से सजी भगवान श्रीकृष्ण की पाठशाला, तिल के पकवानों का लगा भोग, सर्दी अनुरूप वस्त्र भी पहनाए

पतंगों से सजी भगवान श्रीकृष्ण की पाठशाला, तिल के पकवानों का लगा भोग, सर्दी अनुरूप वस्त्र भी पहनाए
X

उज्जैन में भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में आज यानी 14 जनवरी से दो दिवसीय मकर संक्रांति पर्व की शुरूआत हो गई है। मंदिर के पुजारी पंडित रूपम व्यास ने बताया, भगवान की पाठशाला में इस बार लोक परंपरा और शास्त्रीय मान्यता के अनुसार दो दिन उत्सव मनाने का निर्णय लिया गया है।

पंडित रूपम व्यास ने बताया, शनिवार सुबह भगवान श्रीकृष्ण का तिल युक्त जल से अभिषेक-पूजन किया गया। भगवान को सर्दी के अनुरूप वस्त्र धारण कराए गए, उसके बाद पांच प्रकार की तिल्ली से बने पकवानों का भोग लगाकर महाआरती भी की गई। मकर संक्रांति पर संपूर्ण मंदिर परिसर को आकर्षक पतंगों से सजाया गया है। व्यास ने बताया कि कल यानी 15 जनवरी को भी मंदिर में पूजन और महाआरती के आयोजन होंगे।

पतंगों से सजी भगवान श्रीकृष्ण की पाठशाला

 

मकर संक्रांति 2023...
मकर संक्रांति का पावन पर्व इस बार 15 जनवरी 2023, दिन रविवार को मनाया जाएगा। यह पर्व हिन्दू धर्म के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं, इस दिन मकर राशि में सूर्य प्रवेश कर जाते हैं और इसलिए ही इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। बहुत सी जगहों पर इसे खिचड़ी और उत्तरायण भी कहते हैं। मकर संक्रांति पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं का मेला विभिन्न नदियों के घाटों पर लगता है, इस शुभ दिन तिल खिचड़ी का दान करते हैं।

मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त...
उदयातिथि के अनुसार, मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति की शुरुआत 14 जनवरी 2023 को रात आठ बजकर 43 मिनट पर होगी। मकर संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त 15 जनवरी को सुबह छह बजकर 47 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन शाम पांच बजकर 40 मिनट पर होगा। वहीं, महापुण्य काल सुबह सात बजकर 15 मिनट से सुबह नौ बजकर छह मिनट तक रहेगा। मकर संक्रांति के दिन पुण्य और महापुण्य काल में स्नान और दान करना चाहिए।

Next Story