बुलन्द होसलौं ने दी नई पहचान

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By - Bhilwara Halchal |24 Feb 2024 9:53 PM IST
भीलवाडा । कौन कहता है आसमान में छेद नहीं होता है एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों ’’ यहं पक्तियां उन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं पर सटीक बैठती है जो जिला प्रशासन एवं महिला अधिकारिता, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिला स्तरीय अमृता हाट मेला 2024 का आयोजन ग्रामीण हाट (परिसर), प्राइवेट बस स्टैंड के पास, में भाग ले रही है। तथा सफलता के नये नये कीर्तिमान स्थापित कर रहीं है। उम्र उनकी सफलता में कोई बाधा नहीं है।
1. भीलवाड़ा निवासी 65 वर्षीय लाड़ देवी जैन वर्ष 2000 से सरस्वती स्वयं सहायता समूह में महिलाओं के साथ काम कर रही है। ये धागे व ऊन के हैड़िक्राफ्ट से राधा कृष्ण की ड्रेस, थालपोश, हेड़मेड़ बैग बनाकर बेचती है। उम्र के इस पड़ाव में भी राजस्थान में होने वाले विभिन्न अमृता हाट मेलों में भाग लेती है तथा परिवार को आर्थिक सम्बल प्रदान करती है। इन्होने बताया कि शुरू में आर्थिक समस्यां थी तो लोन लेकर कार्य प्रारम्भ किया। पति किराणे की दुकान करते है तथा यह अपने कार्य से लगभग दस हजार रूपये प्रतिमाह कमाकर परिवार की मदद कर रही है।
2. केथून कोटा से अमृता हाट मे भाग लेने वाली 70 वर्षीय कमरूनिशा ने बताया कि वह तस्लीम स्वयं सहायता समूह के माध्यम से कोटा डोरिया साड़िया बनाती है जो पुरे देशभर में प्रसिद्ध है। वह 2004 से स्वयं सहायता समूह में कार्यरत है। गत वर्ष ही पति के निधन हो जाने के बावजूद उन्होने काम बंद नहीं किया। प्रदेश भर में होने वाले अमृता हाट में वह भाग लेती है प्रारम्भ में समूह ने एक लाख रूपये का लोन लेकर कार्य प्रारम्भ किया अब लगभग दस से पन्द्रह हजार रूपये प्रतिमाह कमा रहीं है।
3. अजमेर से अमृता हाट मेले में भाग लेने आई 59 वर्षीय ललिता शर्मा जो महमाता स्वयं सहायता समूह चलाती है। यह कसीदाकारी, पेचवर्क, एप्लिक, का काम करती है। प्रारम्भ में यह इनका शौक था जिसे बाद में इन्होने व्यवसाय में बदल दिया। शुरूआती पड़ाव में यह बैंगलोर की कच्ची बस्ती में रहने वाली लड़कियों को यह काम सिखाकर इन्हैं स्वावलम्बी बनाया। पति के पेरालिसिस के शिकार हो जाने के बावजूद इन्होने हिम्मत नहीं हारी तथा स्वयं के चार बच्चों को पढ़ा लिखाकर आगे बढ़ाया। वर्ष 2019 से ही यह अमृता हाट राजिवीका, सरस डेयरी के मेलों मे शिरकत कर रही है। यह अपना काम ऑनलाईन डिलवरी के माध्यम से भी करती है। लगभग प्रतिमाह पच्चीस हजार रूपये कमाकर परिवार चला रही है।
सहायक निदेशक नगेन्द्र कुमार तोलम्बिया ने बताया कि अमृता हाट मेले के द्वितीय दिवस पर दोपहर में महिलाओं व बालिकाओं के लिए मेंहदी,रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मेहन्दी प्रतियोगिता में डिम्पल सेन, ललिता, प्रेरणा, व रंगोली प्रतियोगिता में अनिला, कान्ता, भाविनी क्रमशः प्रथम द्वितीय व तृतीय रहीं। सायःकालीन सत्र में जिम्नास्टिक कॉच अभिषेक अलावत के निर्देशन में नन्हीं बालिकाओं के द्वारा जिम्नास्टिक कलां कौशल का प्रदर्शन किया गया। तृतीय दिवस में दोपहर में व्यंजन, चम्मच दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। तथा सायःकालीन सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
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