लंंपी का प्रकोप:दम तोड रहे है गोवंश,डॉक्टर और ग्रामवासी कर रहे हैं आयुर्वेदिक उपचार।
शाहपुरा:–(किशन वैष्णव) क्षेत्र में लंपी वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है कहीं गोवंश इसकी चपेट में आ चुके हैं तथा कहीं गोवंश तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे हैं आपको बता दें कि शाहपुरा क्षेत्र में लम्मपी वायरस का संक्रमण रफ्तार पकड़ रहा है और इस संक्रमण को लेकर ग्रामवासी समाजसेवी और गौ भक्त क्षेत्र भर में आगे आ रहे हैं तथा आयुर्वेदिक,एलोपैथिक और होम्योपैथिक दवाइयों के नुस्खे से उपचार कर रहे हैं गोवंश को बचाने की कोशिश कर रहे हैं बहुत सी गोवंश पुन: ठीक होने के कगार पर आ रहे हैं तो बहुत से गोवंश दम तोड़ते नजर आ रहे हैं यही स्थिति क्षेत्र में दयनीय हो रही है।शाहपुरा नोडल क्षेत्र में लम्मपी वायरस के प्रकोप से आधिकारिक तौर पर 571 गोवंश गंभीर ग्रसित हैं जिसका उपचार किया गया वही 171 गोवंश ठीक हुए हैं तथा 73
गोवंश दम तोड़ चुके हैं। ओर कही गौवंशो की दयनीय स्थिति हैं। इस स्थिति को लेकर कही गोवंश उपचार बाद भी तड़प कर दम तोड़ रहे हैं। खामोर पशु चिकित्सालय डॉक्टर सबर सिंह के नेतृत्व में गौभक्त सुभम शर्मा,सूरज जांगिड़ सहित टीम ने गोवंश का उपचार करना शुरू किया उन्हें आयुर्वेदिक काढ़ा,सैनिटाइजेशन तथा चिकित्सालय की दवाइयों से उनका उपचार किया जा रहा है। ग्रामवासी और गो भक्तों सहित डॉक्टर सबर सिंह के सराहनीय कार्य से बहुत से गोवंश रिकवर हुए हैं और इनका प्रयास जारी है हमारी टीम उस वक्त वहां पहुंची जिस वक्त डॉक्टर और ग्रामवासी एक बहुत ही दयनीय स्थिति की गंभीर संक्रमित गोवंश का उपचार कर रहे थे 3 दिन से लगातार गोवंश का उपचार चल रहा है लेकिन गोवंश ठीक होने का नाम नहीं ले रही अंतिम सांसे ले रही है गोवंश के कीड़े पड़ने शुरू हो गए हैं और तड़प रही है। हमारे पत्रकार ने डॉक्टर और समाजसेवियों से इसके बारे में विशेष चर्चा की है।तथा ग्रामवासियों में गंभीर बीमारी को लेकर भ्रांतिया भी फेल रही है।
क्षेत्र में आवारा घूम रहे गोवंश कोई प्रतिबंध नही।
क्षेत्र भर में लम्मपी वायरस से ग्रसित गोवंश खुलेआम घूम रहे हैं और बहुत से पशुपालक भी अपने पशुओं को बाहर चराने के लिए निकाल रहे हैं जिससे ये बीमारी बढ़ती जा रही है और दूसरे गौवंशो में भी फेल रही लेकिन इन आवारा घूमते गोवांशो और बाहर खेत पर ले जाने वाले पशुपालकों तथा खुले में गायों को छोड़ने वाले पशु मालिको पर किसी प्रकार का प्रतिबंध अभी तक नही लगाया जा रहा है जिससे लंपी नामक स्किन डिजिट बीमारी गंभीर और भीषण रूप लेती जा रही है।
ग्रामीण क्षेत्र में लम्मपी स्किन डिजिट को माता बीमारी मान रहे हैं लोग।
क्षेत्र में आज भी लोग इस लंंपी वायरस संक्रमण को माता की बीमारी मान कर किसी प्रकार का रख रखाव नही रख रहे हैं क्षेत्र के खामोर में पशु चिकित्सक डॉक्टर शबर सिंह का कहना है की लोग इलाज कराने से डर रहे हैं डॉक्टर के पास आना नही चाहते उन्हे जागरूक होने की जरूरत है किसी प्रकार की भ्रांतियों में ना रहे तथा डॉक्टर की सलाह और आयुर्वेदिक उपचार लेवे।तथा गोवंश को अलग रखे ,अलग चारा डाले और समय समय पर नीम और फिटकरी का घोल छिड़काव करे कड़ा,पिलाए।