महंत ने शुरू की शूल शैय्या पर नौ दिन की तपस्या
चित्तौड़गढ़। भक्ति और आराधना के रंग निराले हैं। बात जब मां की भक्ति की हो तो कहने ही क्या। हर भक्त की ओर से की जाने वाली आराधना के रंग भी अलग-अलग होते हैं। ऐसे ही मध्यप्रदेश नागदा के एक महंत ने यहां सेतु मार्ग स्थित एक वाटिका में शूल शैय्या पर नौ दिन की आराधना रविवार को नवरात्र पर शुरू की हैं। चित्तौड़गढ़ में जय मां भगवती सेवा समिति के तत्वावधान में मध्य प्रदेश में नागदा स्थित नीलकंठ महादेव के महंत रमेश महाराज ने वाटिका में मां भगवती की आराधना के लिए शूल शय्या पर लेट कर आराधना शुरू की। दोपहर 12. 05 बजे घट स्थापना की गई। शाम 6.30 बजे विनोद चंद यति महाराज के सान्निध्य में महंत रमेश महाराज नुकीली कीलों की शैय्या पर आराधना में लीन हो गए। उनके पेट पर मिट्टी डालकर ज्वारे उगाए गए। विश्व शांति एवं जनकल्याण की भावना को लेकर महंत ने यह आराधना शुरू की हैं। महंत रमेश महाराज नवरात्र में अलग-अलग राज्यों में 19 बार इस तरह की आराधना कर चुके हैं। इस मौके पर चांदमल सोनी, जगदीश चारण, संतोष खटोड़, अशोक छाजेड़, मनोहर शर्मा, यशवंत शमा, कन्हैयालाल प्रजापत, अमित सोमानी, मनीष पीपाड़ा, सीपी बाहेती, देवीलाल जोशी, लाभचंद कुमावत आदि मौजूद रहे।