भीलवाड़ा (हलचल) भीलवाड़ा में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमितो का आंकड़ा कम आने के पीछे चिकित्सा महकमें का बड़ा खेल है और इस खेल पर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा भी नाराजगी जता चुके हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के साथ ही भीलवाड़ा के प्रभारी मंत्री डॉ रघु शर्मा ने भीलवाड़ा में आरटीपीसीआर टेस्ट कम करने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट बढ़ाने के निर्देश दिए। ताकि समय रहते संक्रमितों का पता चल सके और संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सके। डॉ. शर्मा सोमवार को भीलवाड़ा जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर आयोजित वर्चुअल बैठक को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. शर्मा ने कहा कि कोरोना अब गांवों और युवाओं को भी चपेट में लेने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर टेस्टिंग, ट्रेकिंग और ट्रीटमेंट देने पर जोर दे। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा विभाग की मोबाइल वैन के माध्यम से व्यापक स्तर पर एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट करवाए। भीलवाड़ा शहर के अस्पताल में मरीजों के दबाव को कम करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के सीएससी पर सभी सुविधा उपलब्ध करने के निर्देश दिए। सभी सामुदायिक केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, रेमडेसिविर जैसी दवाएं सहित चिकित्सक और मेडिकल की स्टाफ की पूरी व्यवस्था की जाए। कोरोना की पहली लहर में भीलवाड़ा मॉडल देश ही नहीं विदेशों में भी बेहतर कोरोना प्रबंधन की वजह से खासा चर्चित रहा। दूसरी लहर बेहद घातक है, ऐसे में योजनाबद्ध तरीके से काम करने पर ही कोरोना को मात दी जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि भीलवाड़ा जिले में पहले दो हजार से ज्यादा लोगों की rt-pcr जांच हो रही थी लेकिन अब यह आंकड़ा आधा रह गया है इसके चलते संक्रमित व्यक्ति भी कम आ रहे हैं। भीलवाड़ा शिक्षा विभाग के आला अधिकारी इसे उपलब्धि बताकर अपनी पीठ थपथपा रहै है।
जबकि हालात इसके काफी विपरीत है लोग लोक डॉन के चलते जांच कराने नहीं पहुंच पा रहे हैं और नहीं चिकित्सा विभाग पिछले साल की तरह इस बार अलग-अलग गांवो में और शहर में आकस्मिक जांच कर रहा है ।