चमार जाति के प्रर्याय ’’ऐरवाल/अहिरवार’’ जाति नाम से जाति प्रमाण पत्र के लिए मान्यता प्रदान करने को लेकर दिया मुख्यमंत्री को ज्ञापन

भीलवाड़ा BHN.
अनु. जाति चमार जाति के प्रर्याय ’’ऐरवाल/अहिरवार’’ जाति नाम से जाति प्रमाण पत्र के लिए मान्यता प्रदान करने को लेकर एक प्रतिनिधि मुख्यमंत्री से मिला।
अहिरवार ऐरवाल विवाह वेलफेयर फाउंडेशन भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन ऐरवाल ने बताया कि बताया कि हाडौती सम्भाग के सभी जिलो के अलावा भीलवाड़ा-चिŸाौड़गढ़ -प्रतापगढ़-राजसमन्द टोंक आदि जिलो में ऐरवाल चमार जाति के हजारो लाखो की जनसंख्या में लोग रहते है जो अधिकांशतः गांवो में जूती मरम्मत कार्य व चर्म शिल्प पेत्रिक कार्य करते आ रहे है, तथा अन्य जातियो के बीच में लोगो को ऐरवाल चमार जाति से जाना जाता है। सरकार के प्रशासनिक अधिकारी जिला कलक्टर पुलिस अधीक्षक, पटवारी, तहसीलदार एस.डी.एम. आदि को भी जानकारियां है तथा जमीन रिकोर्ड में भी चमार जाति का अंकन है जिसके अनुसार इस जाति के हजारो लोगो को चमार जाति से प्रमाण पत्र जारी होता है। हीन भावना से छूआछुत होती है हजारो लोगो को छात्र-छात्राओं को बुजुर्गों को माता, बहिनों को मजबूरन चमार जाति नाम से जाति प्रमाण पत्र बनवाने पड़ रहे है ऐसे घृणित शब्द से सम्बोधन होने पर इनको हीन भावना से ग्रसित होकर छूआछुत की प्रताडना झेलनी पड़ रही है। ऊची जाति के व्यक्तियो द्वारा अपमान जनक शब्दो का उच्चारण कर गांलिया दी जाती है ।
राज. सरकार विभाग द्वारा पत्र संख्या -एफ 11/96/1/आर.एण्ड.पी./सकवि/19347 15.4.1997 द्वारा ’ऐरवाल’ जाति नाम को जोड़ने की अभिशंषा गृह मंत्रालय व सामाजिक न्याय मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली को भेजना बताया जा रहा है लेकिन केन्द्र सरकार के मन्त्रालय द्वारा समाज के लोगो को पत्र द्वारा सूचित किया गया है कि ऐसे प्रस्ताव जयपुर से पहुंचना नहीं बताया जा रहा है। केन्द्रीय मन्त्रालय द्वारा राज्य सरकार के पत्रो को महत्व नहीं दिया जा रहा है जिसके कारण दलित जाति के लोक पीडित चल रहे हैं। राज्य के विभाग द्वारा भी केन्द्र में अभिशंषा भेजने की बात कह कर दलित चमार ज्ञापनो को टोकरी में डाला जा रहा है। किससे कहे।
ज्ञापन में चमार जाति के ऐरवाल/अहिरवार प्रर्याय नाम की मान्यता दी जाकर ऐरवाल/ अहिरवार नाम से जाति प्रमाण पत्र जारी करवाने की मांग की गई।