मेवाड़ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने किसानों की आय बढ़ाने के दिए सुझाव
चित्तौड़गढ़। राजस्थान मिशन 2030 के अंतर्गत प्रदेश सरकार विभिन्न क्षेत्रों में आमजन से सुझाव मांग रही है। इसके अंतर्गत शुक्रवार को चित्तौडगढ़ के आत्मा प्रशिक्षण सभागार में हमारे अरमान-समृद्ध किसान कार्यक्रम आयोेजित किया गया, जिसमें मेवाड़ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने कृषि क्षेत्रों को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने के लिए अनेक सुझाव दिए। इन सुझावों को कार्यक्रम में आए कृषि विशेषज्ञों ने खूब सराहा। कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालयों के कृषि विशेषज्ञों, छात्रों, स्वयंसेवी व अन्य संगठनों के प्रतिनिधि तथा हितधारकों आदि को आमंत्रित किया गया था। प्रारम्भ में जिला परिषद् संयुक्त निदेशक कृषि दिनेश कुमार जागा ने कार्यक्रम की रूपरेखा और विस्तृत जानकारी दी। राज्य स्तरीय नोड़ल अधिकारी शिवराज जांगीड ने राज्य स्तर पर संचालित कृषि और उद्यानिकी योजनाओं को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से समझाया। कार्यक्रम में मेवाड़ यूनिवर्सिटी के कृषि विभाग के छात्र सुमित जांगीड ने वन संवर्धन प्रणाली के अंतर्गत कई प्रकार के पेड़ों के बारे में सुझाव दिया। मीर महरीना ने एली क्रॉपिंग प्रणाली पर सुझाव दिया, आरोही ने कृषि में ज्यादा से ज्यादा एआई का इस्तेमाल करते हुए कृषि उत्पादन और किसानों की आय बढ़ानें का सुझाव दिया। अस्टिटेंट प्रो चम्पा लाल ने भी विभागीय स्तर पर ऐसी नीति बनाएं जाने का सुझाव दिया जिसके तहत कृषि, उद्यानिकी और वानिकी क्षेत्रों से वि़द्यार्थियांे द्वारा किसानों को प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान कराया जाएं ताकि किसानों को समय रहते हुए विभागीय योजनाओं और वैज्ञानिक खेती का समुचित लाभ मिल सकें। वरिष्ठ कृषि सलाहकार डॉं आर.एस राणा ने बताया कि इन सुझावों को राजस्थान किसान पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और बेस्ट सुझाव को विजन-2030 के डॉक्यूमेंट में शामिल किया जाएगा। कार्यक्रम में मेवाड़ यूनिवर्सिटी से बीएससी एग्रीकल्चर, हॉर्टीकल्चर, कॉमर्स और मैनेजमेंट के द्वितीय एंव तृतीय वर्ष के छात्रों ने भाग लिया।