मोदी मैजिक कायम, राहुल का जाति जनगणना का कार्ड फेल

मोदी मैजिक कायम, राहुल का जाति जनगणना का कार्ड फेल
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नई दिल्ली । पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव (assembly elections) के संपन्न होते ही एग्जिट पोल (exit poll) करने वाली तमाम एजेंसियों (agencies) ने अपना अनुमान बता दिया है। एक तरहप जहां मध्य प्रदेश में भाजपा वापसी करती दिख रही है तो वहीं, राजस्थान में कांग्रेस-बीजेपी के बीच टक्कर है। छत्तीगढ़ और तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना है। एग्जिट पोल किस हद तक सही साबित होते हैं यह तो 3 दिसंबर को परिणाम ही बताएंगे, लेकिन इसने लोकसभा चुनाव के लिए कई संदेश दिए हैं।

ब्रांड मोदी का जलवा कायम?
कुछ एग्जिट पोल में राजस्थान में भाजपा की वापसी और मध्य प्रदेश राजस्थान में भाजपा की जीत की संभावना है। अगर एमपी में फिर शिवराज सिंह चौहान की सरकार बनती है तो इसका मतलब साफ होगा कि वहां सत्ता विरोधी लहर नहीं दिख रही है। इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह साबित होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता आज भी कायम है। क्योंकि इस चुनाव में बीजेपी पीएम मोदी के चेहरे के दम पर चुनावी अखाड़े में कूदी थी।

जाति जनगणना का मुद्दा भी फेल
इन राज्यों में विधानसभा चुनाव के राहुल गांधी ने राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना का वादा किया था। उन्होंने बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे की काट के लिए बड़े ही जोशीले अंदाज में यह मुद्दा उठाया था। एग्जिट पोल का अनुमान अगर नतीजे में साबित होता है तो इसका यही मतलब है कि जमीन पर इसका सीमित प्रभाव पड़ा है। उदाहरण के लिए मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से लगभग एक-तिहाई सीटें ओबीसी बहुल हैं। यदि दोनों हिंदी भाषी राज्यों में बीजेपी की वापसी होती है तो विपक्ष को भाजपा के खिलाफ 2024 के लिए नया हथियार तैयार करना पड़ेगा। हालांकि, इसके लिए काफी कम समय बाकी रह गया है।

तेलंगाना को लेकर अधिकांश एग्जिट पोल में कांग्रेस की वापसी दिख रही है। अगर परिणाम भी यही आते हैं तो कांग्रेस के लिए यह किसी पुनरुद्धार से कम नहीं होगा। क्योंकि दक्षिण को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। कांग्रेस के कमजोर होते ही इन राज्यों में क्षेत्रियों दलों ने पैठ बना ली। आपको बता दें कि कर्नाटक की तरह तेलंगाना में भी कांग्रेस को मजबूत स्थानीय नेतृत्व से फायदा मिलता दिख रहा। इसे कई नेताओं के दलबदल से बहुत फायदा हुआ।

महिला मतदाताओं ने खेल बदला
इन चुनावों ने एक बार फिर महिला वोटर की महत्वपूर्ण भूमिका साबित होती दिख रही है। मध्य प्रदेश में 18.3 लाख महिला मतदाताओं ने मतदान किया, जो पिछली बार से 2% अधिक है। महिला लाभार्थियों ने स्पष्ट रूप से भाजपा की वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शिवराज सिंह चौहान की ‘लाडली बहना’ योजना का काफी महत्वपर्ण योगदान साबित हो सकता है, जिसके जरिए सीधे उनके बैंक अकाउंट में पैसा डाला जाता है।

हालांकि, यह याद रखना भी महत्वपूर्ण है कि दिसंबर 2018 में बीजेपी इन सभी 4 प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनाव की लड़ाई हार गई थी। लेकिन इसके कुछ ही महीने बाद ही 2019 का लोकसभा चुनाव भारी अंतर से जीती। बीजेपी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीत हासिल की थी और तेलंगाना में भी बढ़त बना ली थी। इस चुनाव में अगर भाजपा एमरी और राजस्थान में सरकार बनाने में सफल रहती है तो 2024 की लड़ाई भगवा पार्टी के लिए और आसान साबित हो सकती है।

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