केमिकल का इस्तेमाल कर सास, ससुर, पति, ननद और मौसी को तड़पा-तड़पाकर मारा, बहू और मामी चढ़ी पुलिस के हत्थे
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली के महागांव में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पीड़ित परिवार की बहू और एक अन्य महिला रिश्तेदार को गिरफ्तार किया गया है। दोनों ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है। खुद आरोपी बहू ने पुलिस को बताया कि उसने कैसे एक घातक केमिकल का इस्तेमाल करके सास, ससुर, पति, ननद और मौसी को तड़पा-तड़पाकर मारा।
जानकारी के मुताबिक, 22 वर्षीय आरोपी बहू संघमित्रा रोशन कुंभारे कृषि वैज्ञानिक है। जबकि उसका साथ देने वाली दूसरी महिला संघमित्रा के मृतक पति की मामी है। बहू संघमित्रा का कहना है कि ससुराल वाले उसे प्रताड़ित करते थे। उसका पति रोशन कुंभारे उसके साथ मारपीट करता था। कथित तौर पर इससे परेशान होकर उसके पिता ने आत्महत्या कर ली। पिता के मौत का बदला लेने के लिए संघमित्रा ने पूरी साजिश रची।
वहीँ, आरोपी मामी रोजा रामटेके (52 वर्ष) का पीड़ित परिवार के साथ पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद था. पुलिस ने कहा कि बहू और मामी ने मिलकर ही पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया. कैसे पांच लोगों की हत्या की साजिश रची गयी. आईये इसके बारे में विस्तार से जानते है.
20 दिन में परिवार तबाह
20 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच परिवार के सभी सदस्य अचानक बीमार पड़ गए और तीन सप्ताह के भीतर उनकी मृत्यु हो गई। शंकर तिरुजी कुंभारे (52), विजय शंकर कुंभारे, उनकी विवाहित बेटी कोमल विनोद दहागावकर (29), मौसी आनंद उराडे (50), बेटा रोशन शंकर कुंभारे (28) मृतकों के नाम हैं। मृतक शंकर कुंभारे की महागाव में टिंबर मार्ट की दुकान है।
धीमी, दर्दनाक मौत!
इस मामले में संघमित्रा कुंभारे मुख्य आरोपी हैं. वह रोशन कुंभारे की पत्नी हैं। जिसने मामी रोजा की मदद से यह पूरी साजिश रची. दोनों ने मौका देखकर परिवार के लोगों को कभी पानी में तो कभी खाने में जहरीला केमिकल मिलकर दिया. जिस वजह से वह धीरे-धीरे मौत की नींद सो गए.
ग्रामीणों को लगा भूत-प्रेत का मामला
एक ही घर में पांच लोगों की मौत होने से गढ़चिरौली की अहेरी पुलिस भी सकते में आ गयी. शुरू में आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया गया, लेकिन फिर मौत की वजह स्पष्ट नहीं होने से शक हुआ. दरअसल कुंभारे परिवार के पांचों सदस्यों पर जहर का असर होने के बाद तबीयत बिगड़ी और एक-एक कर उनकी मौत हो गयी. किसी को उल्टी, तो किसी को दस्त होने लगे. इसलिए किसी को शक नहीं हुआ कि उन्हें ज़हर दिया गया है. वहीं गांव में भूत-प्रेत की अफवाह भी फैल गई. लोगों का मानना था कि यह बुरी शक्तियों का काम है।
हालांकि पुलिस ने जब गहनता से छानबीन की तो पता चला कि परिवार के पांच सदस्यों की 'रहस्यमय मौत' की वजह अत्यधिक घातक जहर- थैलियम है. धीरे-धीरे कड़ियां जुड़ती गयी और पुलिस के हत्थे बहू और मामी चढ़ी. दोनों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में दोनों ने भयावह हत्या का सारा सच उगल दिया।
तेलंगाना से खरीदा थैलियम
22 वर्षीय महिला कृषि वैज्ञानिक संघमित्रा ने अपने पति और ससुराल वालों की हत्या के लिए पड़ोसी राज्य तेलंगाना से थैलियम खरीदा था। उसने इंटरनेट पर काफी रिसर्च भी किया था. दरअसल पांच महीने पहले संघमित्रा के पिता ने अकोला स्थित अपने घर में फांसी लगा ली थी। उसका मकसद अपने पिता की मौत का बदला लेना था और उसने मामी रोजा के साथ मिलकर 20 दिनों में थैलियम की खुराक देकर ससुराल वालों को धीमी, दर्दनाक मौत दी।
'जहर का जहर' है थैलियम
वहीँ, शंकर कुंभारे का बड़ा बेटा, ड्राइवर और एक रिश्तेदार भी थैलियम के संपर्क में आने के बाद से अस्पताल में भर्ती है, लेकिन खतरे से बाहर हैं। थैलियम को 'जहर का जहर' कहा जाता है. थैलियम में रंग, गंध और स्वाद नाममात्र का होता है. इसका असर केवल छूने पर हो सकता है।