भीलवाड़ा में मोयले ने बढ़ाई परेशानी, आंख में गिरे तो बरतें ऐहतियात

भीलवाड़ा में मोयले ने बढ़ाई परेशानी, आंख में गिरे तो बरतें ऐहतियात
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भीलवाड़ा (हलचल)। वस्त्र नगरी सहित गांवों में मोयला म'छरों का प्रकोप पिछले दो-तीन दिनों में काफी बढ़ गया है। मोयला म'छरों के कारण वाहन चालकों खासकर दुपहिया वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर के हर मार्ग पर इन मोयले मच्‍छरों का झुंड देखने को मिल रहा है। यह कीट पीले रंग के कपड़ों पर ज्‍यादा आकर्षित होते हैं। इस कीट का प्रभाव सब्जियों पर भी दिखाई दे रहा है। वाहन चालकों की आंखों में घुसने के कारण ये हादसे का सबब बन रहे हैं। जानकारों के अनुसार ये समय सरसों की फसल के पकने का होता है। ऐसे में जो मोयला इस फसल पर होता है वो उडऩे लगता है। जो आमजन के लिए परेशानी बन गया है। सबसे ज्‍यादा परेशानी बाइक सवारों को होता है। मोयला मच्‍छरों के प्रकोप से बचने के लिए इस दिनों सड़कों के किनारों पर चश्मों की दुकानें सज गई है। 
बृजेश बांगड़ हॉस्पीटल की नेत्र रोग विशेषज्ञ तरुणा दरगड़ ने कहा कि बदलते मौसम व फसलों की कटाई के कारण शहर व जिले में इन दिनों मोयला तेजी से बढ़ रहा है। वाहन चालक इससे अपनी आंखों को बचाते नजर आने लगे हैं। डॉक्टर दरगड़ का कहना हैं कि इसके आंखों में गिरने से काॢनयल इंफेक्शन का खतरा रहता है। उनकी माने तो मोयला गिर जाने पर उसको निकालने का सही तरीका नहीं अपनाया जाए तो नैत्र संबंधी कई रोग हो सकते है।  
इस कीट के गिरने से मोतिया बिंद या काला पानी सहित आंखों से जुड़ी अन्य बीमारियां भी हो सकती है। इससे बचने के लिए डॉक्टर दरगड़ ने वाहन चालकों को चश्में और ग्लास वाला हेलमेट के उपयोग करने की हिदायत दी है। यह खासकर सवेरे सूर्य निकलने और दोपहर बाद काफी सक्रिय रहते है। दोपहर में धूप तेज रहने पर यह कीट नष्ट भी हो जाता है। 

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