गांधी सागर तालाब बना मुंगेरी लाल का हसीन सपना ......
भीलवाड़ा (हलचल)। मुंगेरी लाल के हसीन सपनों की तर्ज पर नगर परिषद भी भीलवाड़ा के लोगों को पिछले दो दशक से हसीन सपने दिखा रही है। गांधी सागर में वोटिंग होगी, टापू बनेगा और उदयपुर की पिछोला झील की तर्ज पर पर्यटन स्थल विकसित होगा लेकिन सपने तो सपने ही होते है। इन सपनों पर करोड़ों खर्च हो गये लेकिन सपना पूरा नहीं हो पाया। हालात यह है कि तालाब की सुरक्षा दीवार पर लगाई गई रैलिंग चोरी हो गई और दीवार पर अब थेपले थापे जा रहे है।
नगर परिषद की बहुद्देशीय गांधी सागर योजना थी लेकिन यह योजना अब तक पूरी नहीं हो पाई है जबकि इस योजना को बने दो दशक से अधिक समय हो गया है। तालाब की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार बनाई गई थी और इस पर लोहे की रैलिंग लगाई गई थी। इस रैलिंग पर लाखों रुपए खर्च किये गये थे लेकिन रैलिंग अब लगभग गायब हो चुकी है। लेकिन नगर परिषद के जिम्मेदार कारिन्दों ने चोरी गई रैलिंग के बारे में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। ऐसे में चोरों के हौंसले बुलन्द है और लगातार रैलिंग कबाडिय़ों के यहां पहुंच रही है।
बड़ला चौराहे से भवानी नगर के बीच गांधी सागर तालाब की सुरक्षा दीवार अब खण्डहर नजर आने लगी है। लोहे की रैलिंग चोरी होने के बाद पिलर ही नजर आ रहे है। जबकि आस पास के लोगों ने इस दीवार को अब गोबर के थेपले थापने के काम लेना शुरू कर दिया है। जिससे इसके सौंदर्यकरण पर भी कालिख पुत रही है परन्तु नगर परिषद यह सब कुछ होते हुए देख रही है। इस सुरक्षा दीवार के आगे नगर परिषद ने फुटपाथ भी बनाया था ताकि लोगों की आवाजाही सुरक्षित रहे परन्तु फुटपाथ पूरी तरह से अतिक्रमणकारियों की गिरफ्त में है और यहां समाज कंटक लोगों का भी जमावड़ा भी लगा रहता है।
सुरक्षा दीवार के बावजूद समाज कंटक दीवार फांदकर तालाब में प्रवेश करते है जहां वे गन्दगी ही नहीं फैलाते बल्कि अनैतिक कार्य भी इस दीवार के पिछवाड़े होने से इन्कार नहीं किया जा सकता।