मुनि सुरेश कुमार ने किया मंगल विहार

भीलवाड़ा (हलचल)। मुनि सुरेश कुमार हरनावां व मुनि संबोध कुमार मेधांश ने चार दिवसीय प्रवास के बाद भीलवाड़ा से शिवम नर्मदा विहार की ओर प्रस्थान किया। वे गंगापुर, आमेट, केलवा, राजनगर, कांकरोली होते हुए मार्च अंतिम माह में नाथद्वारा पहुंचेंगे। मुनिद्वय ने मंगलवार को महाप्रज्ञ सेवा संस्थान से तपस्वी मुनि पारस कुमार के चौविहार अठाई तप का पारणा करवाने के पश्चात विहार किया। इससे पूर्व यहां आयोजित रात्रिकालीन प्रवचन में मुनि सुरेश कुमार ने कहा कि ठिठुरती सर्दियों में जब सभी सुबह से शाम तक खाने-पीने में समय बिताते हैं वहीं युवा तपस्वी मुनि पारस कुमार ने चौविहार आठ की तपस्या की है, यही जैन शासन और तेरापंथ की विराटता की मिसाल है। मुनि संबोध कुमार मेधांश ने कहा कि सुख-दुख सोच है, जब हम अपने आप से प्यार करना शुरू कर दे, अपने आस पास खतरों को महसूस करते हुए कछुए की तरह अपने आप को समेटना सिख ले तो वो ही उत्सव का पल है। मुनि पारस कुमार ने कहा कि इस दौर में संयम और साधना का दिव्य निदर्शन है। मुनि शांति प्रिय ने कहा हम कितने दिन जीते हैं, यह महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण यह है कि हम कैसे जीते हैं। आना जाना जीवन क्रम है। स्मृति में अपना लक्ष्य रहे तो जीवन सदा दिवाली संत की हो जाता है। मुनि पारस कुमार की तपस्या से हम सीखें कि संयम की साधना के लिए कोई निश्चित मौसम नहीं होता। तप पारणे के इस आध्यात्मिक शुभ अवसर पर महाप्रज्ञ सेवा संस्थान अध्यक्ष प्रकाश कर्णावट सहित अनेक श्रावक श्राविकाओं ने मुनि की तपस्या की सराहना की। अभी पारस कुमार और शांतिप्रिय का प्रवास तेरापंथ भवन बापूनगर में रहेगा। यह जानकारी मीडिया प्रभारी नीलम लोढ़ा ने दी।