पाँच मंत्रियों के साथ नायब सिंह सैनी ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
चंडीगढ़, श्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को पांच मंत्रियों के साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने उन्हें शपथ दिलाई। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे।
श्री सैनी के साथ सर्वश्री कंवर पाल, मूलचंद शर्मा, रणजीत सिंह, जयप्रकाश दलाल और डॉ. बनवारी लाल ने मंत्री पद की शपथ ली।नई सरकार
नाम | पद |
नायब सिंह सैनी | मुख्यमंत्री |
कंवरपाल गुर्जर | कैबिनेट मंत्री |
मूलचंद शर्मा | कैबिनेट मंत्री |
चौधरी रंजीत सिंह चौटाला | कैबिनेट मंत्री |
जय प्रकाश दलाल | कैबिनेट मंत्री |
बनवारी लाल | कैबिनेट मंत्री |
इससे पहले बीजेपी विधायक दल की बैठक में सैनी को नेता चुना गया। बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ और हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब देब मौजूद थे। नेता चुने जाने के बाद सैनी ने खट्टर और अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया।कौन हैं नायब सिंह सैनी?
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाले सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद हैं और पिछले साल अक्टूबर में ओम प्रकाश धनखड़ को हटाकर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इस बदलाव को ओबीसी समुदाय पर अपनी पकड़ मजबूत करने के भाजपा के प्रयास के तौर पर देखा गया था। राज्य में सबसे अधिक आबादी जाट समुदाय की है। माना जाता है कि इस समुदाय का वोट कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोकदल के बीच बंट जाता है।
2019 में बने थे कुरुक्षेत्र से सांसद
सैनी ने प्रदेश संगठन में कई पदों पर जिम्मेदारी संभाली है। वह भाजपा की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा में भी कई दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। साल 2012 में उन्हें भाजपा ने अंबाला इकाई का जिला अध्यक्ष बनाया था और फिर साल 2014 में वह नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। वह हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं। साल 2019 में वह कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए।
क्यों तोड़ा गठबंधन
जजपा आगामी लोकसभा चुनाव में हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से अपना उम्मीदवार उतारना चाह रही थी, लेकिन भाजपा दोनों सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में उसने राज्य की सभी 10 सीट पर जीत हासिल की थी। दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को भाजपा अध्यक्ष नड्डा के साथ सीटों के बंटवारे के सिलसिले में बातचीत भी की थी, लेकिन संभवत: वह विफल रही।
क्या है गणित
90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 41 विधायक और जजपा के 10 विधायक हैं। इस गठबंधन को सात में से छह निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त था। आंकड़ों के लिहाज से, भाजपा सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं दिख रहा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 30 विधायक हैं और इंडियन नेशनल लोकदल तथा हरियाणा लोकहित पार्टी के पास एक-एक सीट है।