नमस्कार महामंत्र जैन संस्कृति का सर्वमान्य प्रभावशाली मंत्र: मुनि आनंद कुमार

नमस्कार महामंत्र जैन संस्कृति का सर्वमान्य प्रभावशाली मंत्र: मुनि आनंद कुमार
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भीलवाड़ा (हलचल)। आचार्य महाश्रमण शिष्य मुनि हर्षलाल की आज्ञा से सहवर्ती संत मुनि आनन्द कुमार तिलक नगर स्थित यश विहार पहुंचे। यहां आयोजित नमस्कार महामंत्र जप में विशेष प्रवचन देते हुए मुनि आनंद कुमार ने कहा कि नमस्कार महामंत्र जैन संस्कृति का सर्वमान्य प्रभावशाली मंत्र है। इसके जप से पाप का नाश, बुद्धि की शुद्धि, लक्ष्मी की वृद्धि, सिद्धि की उपलब्धि, आरोग्य की प्राप्ति व चिंताओं का नाश होता है। इस मंत्र के जप व श्रवण से नाग के जोड़े ने धरणेंद्र पदमावती पद को पाया। यह अनादि मंत्र चौदह पूर्वों का सार होने के साथ लोक में अलौकिक है। इस अवसर पर यश कंवर चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से मुकेश डांगी ने मुनि आनंद कुमार का स्वागत व अभिनंदन किया। इस दौरान सत्येन्द्र धूपिया, ज्ञानचन्द पिपाड़ा, मुकेश डांगी, अभिनन्दन धूपिया, मान सिंह बम्ब, प्रमोद धूपिया, सेवादार दयाल सहित अनेक श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।

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