न डोली चढी, न विदाई हुई, हो गई विधवा
पंडेर जहाजपुर। वह पढाई कर रही थी अध्यापिका बनने का सपना पाले हुए थी मगर पिता ने कम उम्र में रजवास खजूरी निवासी भोजराज के साथ शादी कर दी। अभी हाथ की मेंहन्दी छुटी भी नही थी एक माह के अन्दर पति भोजराज की दुर्घटना में मौत हो गई। ना डोली चढी, ना विदाई हुई विधवा हो गई उसने हौसला नही छोडा और पढाई के लिए आज भी संहर्ष कर रही है। मसूदा से बीएसटीसी (बेसिक स्कूल टेªनिंग सर्टीफिकेट) मसूदा में कर रही है। राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे बाल संरक्षण संकल्प यात्रा पंडेर में आलंपिक खेलो के समापन समारोह के दौरान यात्रा दल से रेंगर मुहल्ला निवासी 19 वर्षीय पूजा अपनी ब्यथा बाल मित्रों से साझा करती है। पिता के यहां रहकर संहर्ष कर रही है। यात्रा दल द्वारा विधवा पेंषन के आवेदन आनलाईन कराने की प्रक्रिया कर योजनाओं से लाभ दिलाने की कवायद प्रारम्भ की।
बाल अधिकारिता विभाग, यूनिसेफ एवं पीसीसीआरसीएस के संयुक्त तत्वावधान में चलाए जा रहे बाल संरक्षण संकल्प यात्रा का ग्राम पंचायत पंडेर पहुचने पर सरपंच एवं पंचायत सदस्यों द्वारा स्वागत किया गया तथा सरपंच ममता जाट की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण ईकाइ का गठन कर उपस्थित सदस्यों को उनके अधिकार एवं भूमिका के बारे में क्षमतावर्धन किया गया तथा सात संकल्प दिलाए गये। पंडेर में आयोजित आलंपिक खेल समापन समारोह में बच्चों के साथ विभिन्न नवचारों के माध्यम से बाल हिंसा, बाल विवाह, बालश्रम एवं बाल तस्करी जैसे बाल संरक्षण के मुददों पर चर्चा कर बच्चों से संबन्धित योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। ग्राम भ्रमण के दौरान 17 सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के आवेदन आनलाईन कराने की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई। इस अवसर पर प्रधान जहाजपुर सीतादेवी गुर्जर, सरंपच ममता जाट, विकास अधिकारी संजय मोदी, सीबीईओ भोजराज शर्मा, यात्रा समन्वयक कैलाष सैनी-सीताराम गुर्जर, सोना बैरवा, मंजित सिंह, सफिस्ता ,खान, राकेष वर्मा, अजय सिंह, टीकमचन्द उपस्थित थे।