नया संसद नए भारत का आधार PM बोले- अब यहीं से लिखा जाएगा न्यू इंडिया का इतिहास

नया संसद नए भारत का आधार PM बोले- अब यहीं से लिखा जाएगा न्यू इंडिया का इतिहास
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 देश को नया संसद भवन मिल गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार सुबह नए संसद भवन पहुंचे और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन एवं पूजा में शरीक हुए। इसके बाद उन्हें 'सेंगोल' सौंपा गया जिसे उन्होंने लोकसभा स्पीकर के आसन के पास स्थापित किया। इसके बाद सर्व धर्म प्राथना सभा शुरू हुई। करीब साढ़े तीन साल में नया संसद भवन बनकर तैयार हुआ है। नए संसद भवन में लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 300 संसद बैठ सकेंगे। संसद की संयुक्त बैठक में 1,280 सांसद बैठ सकेंगे। त्रिकोणीय आकार के चार मंजिला संसद भवन का निर्माण क्षेत्र 64,500 वर्गमीटर है। इस इमारत के तीन मुख्य द्वार- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार- हैं।

 

 

New Parliament Building Inauguration Updates: PM मोदी बोले-नई संसद नए भारत के सृजन का आधार बनेगी, अगले 25 वर्षों में बनेंगे विकसित राष्ट्र

 

हमें मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है-पीएम

 

हर राष्ट्र की विकास यात्रा में एक ऐसा अवसर आता है जब देश अंगड़ाई लेने लगता है। आजादी से 25 साल पहले महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश उद्वेलित हुआ। आज से 25 साल बाद भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा। इन 25 वर्षों में हमें मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। लक्ष्य बड़ा और कठिन भी है। हर देशवासी को आज इसके लिए जी-जान से जुटना ही है। नए प्रण, नए संकल्प लेने हैं। भारत का विश्वास केवल भारत तक ही सीमित नहीं रहता।

 

भारत की सफलता अन्य देशों को प्रेरित करती है

भारत विविधता से भरा देश, इतनी सारी चुनौतियों से लड़ने वाला देश जब विश्वास के साथ आगे बढ़ता है तो इससे दुनिया के अनके देशों को प्रेरणा भी मिलती है। भारत की हर सफलता आने वाले दिनों में दुनिया के लिए प्रेरणा का काम करेगी। भारत यदि तेजी से गरीबी दूर करता है तो यह अन्य देशों को प्रेरित भी करता है। साथियो, सफलता की पहली शर्त सफल होने का विश्वास ही होती है।

 

हमें 'नेशन फर्स्ट' की भावना से आगे बढ़ना है

नया संसद भवन इस विश्वास को नई बुलंदी देने वाला है। यह विकसित भारत के निर्माण में हमारी प्रेरणा बनेगा। हर भारतीय के कर्तव्य भाव को जाग्रत करेगा। हमें 'नेशन फर्स्ट' की भावना से आगे बढ़ना होगा। हमें कर्तव्यपथ को सर्वोपरि रखना होगा। हमें अपने व्यवहार से उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। हमें निरंतर खुद में सुधार करते रहना होगा। हमें नए रास्ते खुद बनाने होंगे। हमें खुद को तपाना और खपाना होगा। हमें लोक कल्याण को ही जीवन मंत्र बनाना होगा।

 

यह भवन नए भारत के सृजन का आधार बनेगा

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को यह भवन नई ऊर्जा और मजबूती प्रदान करेगी। यहां होने वाला हर निर्णय भारत के भविष्य को संवारेगा। इस भवन की हर ईंट और हर दीवार गरीब के कल्याण के लिए समर्पित है। अगले 25 वर्षों में संसद में बनने वाले नए कानून भारत को विकसित राष्ट्र बनाएंगे। यहां बनने वाले कानून, युवाओं, महिलाओं के लिए नए अवसरों का निर्माण करेंगे। यह भवन नए भारत के सृजन का आधार बनेगा। मैं समस्त भारतवासियों को नए संसद की बधाई देता हूं।

 

'मुक्त मातृभूमि को नवीन प्राण चाहिए'

आजादी का यह अमृतकाल असंख्य सपनों को पूरा करेगा। इस अमृतकाल का आह्वान है-मुक्त मातृभूमि को नवीन प्राण चाहिए। भारत के भविष्य को उज्जवल बनाने वाली इस संसद को भी उतना ही नवीन और आधुनिक होना चाहिए। एक समय था जब भारत दुनिया का सबसे समृद्ध और वैभवशाली राष्ट्रों में गिना जाता था। भारत के मंदिरों से लेकर मूर्तियों तक में भारत की वास्तु विशेषज्ञता का उद्घोष होता था लेकिन सैकड़ों वर्षों की गुलामी ने हमारा गौरव छीन लिया।

 

'इस नए भवन में संस्कृति भी है संविधान के स्वर भी हैं'

21वीं सदी का भारत बुलंद हौसलों से भरा हुआ है। आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है। इस भवन में विरासत भी है, वास्तु भी है। कला भी है कौशल भी है। इसमें संस्कृति भी है संविधान के स्वर भी हैं। लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर आधारित है तो राज्यसभा का आतंरिक हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है। संसद के प्रांगण में हमारा राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है। इस नए भवन में देश की विशेषताओं को समाहित किया गया है।

 

भारत के ये नौ साल नव-निर्माण के रहे हैं-PM

इस भवन के निर्माण में राजस्थान के बलुआ पत्थर, महाराष्ट्र की लकड़ी लगी है। यूपी में भदोही के कारगीरों ने हाथ से कालीनों को बुना है। एक तरह से भवन के कण-कण में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना के दर्शन होते हैं। संसद के पुराने भवन में सभी के लिए अपने कार्यों को पूरा करना कितना मुश्किल हो रहा था यह हम सभी जानते हैं। पुरानी संसद भवन में तकनीक से जुड़ी समस्याएं थीं। बैठने की जगह की चुनौती थी। देश को नए संसद की आवश्यकता को लेकर बहुत समय से चर्चा चल रही थी। आने वाले दिनों में सीटों की संख्या बढ़ेगी। नए सांसद कहां बैठते। समय की मांग थी कि संसद की नई इमारत का निर्माण किया जाए। मुझे खुशी है कि यह भव्य इमारत आधुनिक सुविधाओं से पूरी तरह लैस है। इस समय भी इस हॉल में सूरज का प्रकाश सीधे आ रहा है। भारत के ये नौ साल नव-निर्माण के रहे हैं।

 

पीएम ने कहा- लोकतंत्र हमारे लिए एक संस्कार, विचार और परंपरा

भारत एक लोकतांत्रित राष्ट्र ही नहीं बल्कि यह लोकतंत्र का जननी भी है। लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ एक व्यवस्था नहीं बल्कि एक संस्कार, विचार और परंपरा है। हमारे वेद हमें सभाओं एवं समितियों के लोकतांत्रिक सिद्धांत सिखाते हैं। हमने वैशाली जैसे गणतंत्रों को जीकर दिखाया है। तमिलनाडु में मिला 900 ई, का शिलालेख आज भी सभी को हैरान कर देता है। लोकतंत्र ही हमारी प्रेरणा और संविधान ही संकल्प है।

 

'नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा'

हर देश की विकास यात्रा में कुछ पल ऐसे आते हैं जो हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं। कुछ तारीखें समय की ललाट पर इतिहास का अमित हस्ताक्षर बन जाती हैं। आज 28 मई 2023 का यह दिन ऐसा ही शुभ अवसर है। देश आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। भारत के लोगों ने अपने लोकतंत्र को संसद के इस नए भवन का उपहार दिया है। मैं देशवासियों को इस स्वर्णिम क्षण की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। यह सिर्फ भवन नहीं है यह 140 करोड़ भारतीयों के आकांक्षाओं एवं सपनों का प्रतिबिंब है। यह विश्व को भारत के दृढ़ संकल्प को संकेत देने वाला लोकतंत्र का मंदिर है। यह नया संसद भवन योजनाओं को यथार्थ से, नीति को निर्माण से, इच्छाशक्ति को क्रियाशक्ति से, संकल्प को सिद्धी से जोड़ने वाली अहम कड़ी साबित होगा। यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने का मध्यम बनेगा। यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। यह नया भारत विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धी होते हुए देखेगा। यह नया भवन नूतन एवं पुरातन के सह-अस्तित्व भी बेजोड़ उदाहरण है। आज नया भारत अपने लिए नए लक्ष्य गढ़ रहा है।

 

आज हम ऐतिहासिक पल के साक्षी बन रहे हैं-बिरला

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आज हम ऐतिहासिक पल के साक्षी बन रहे हैं। पीएम मोदी के दृढ़ संकल्प एवं मार्ग दर्शन में संसद का नया भवन ढाई वर्षों से भी कम समय में बनकर तैयार हुआ है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री को बधाई देता हूं। कोविड संकट काल में यहां श्रमिकों ने अद्भुत समर्पण दिखाया। उनकी वजह से देश का यह सामूहिक संकल्प संभव हो सका। हमारा लोकतंत्र और अधिक सशक्त हुआ है। भारत विश्व का प्राचीनतम लोकतंत्र है। दुनिया में लोकतंत्र की जननी के रूप में हमारी पहचान है। इस अमृतकाल में भारत की प्रतिष्ठा एवं सम्मान विश्व में बढ़ा है। वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए आज दुनिया भारत की तरफ देख रही है। लोकतंत्र हमारे इतिहास की धरोहर और वर्तमान का गौरव है।

 

नया संसद भवन लोकतांत्रिक यात्रा में अहम पड़ाव-राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू का संदेश पढ़ते हुए उपसभापति ने कहा कि नई संसद का उद्घाटन भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित होगा। यह गौरव और अतुलनीय आनंद का अवसर है। संसद का हमारी सामूहिक चेतना में विशिष्ट स्थान है। विचारों का आदान-प्रदान, तर्क-वितर्क हमारी परंपरा का हिस्सा रहा है। यह संसद सभी भारतीयों के सपने एवं आकांक्षाओं को पूरा करेगी। नया संसद भवन का उद्घाटन हमारी लोकतांत्रिक यात्रा में यह एक अहम पड़ाव है। मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भवन का उद्घाटन कर रहे हैं।

 

यह भवन भिन्न-भिन्न विचारों को प्रतिबिंबित करेगा-उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के भाषण को पढ़ते हुए राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि यह संसद हमारी समृद्धि परंपरा की प्रतीक है। नई संसद गुलामी की मानसिकता से निकलने के हमारे संकल्प का भी प्रतिबिंब है। संसद का यह भवन भिन्न-भिन्न विचारों को प्रतिबिंबित करेगा। यह संसद देश की समस्याओं का सक्रियता से समाधान खोजेगी। नई संसद लोकतंत्र का पालना है। नया भवन भविष्य की भावी चुनौतियों के बीच पथ प्रदर्शक बनेगा।

 

नई संसद क्यों ...लघु फिल्म में बताया गया

नई संसद का निर्माण क्यों किया गया..इस बारे में बताने के लिए संसद में लघु फिल्म दिखाई गई। इस फिल्म के जरिए यह बताया गया कि नई संसद क्यों महत्वपूर्ण है। फिल्म में यह भी बताया गया कि ढाई वर्षों से भी कम समय में 65 हजार वर्ग मीटर में फैले इस इमारत का निर्माण किया गया।

 

कालजयी निर्णय लेगी यह संसद-उपसभापति

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि नए संसद के लोकार्पण समारोह में वह सभी मेहमानों का स्वागत करते हैं। यह भवन हमारी समृद्धि विरासत का प्रतीक है। यह अविस्मरणीय क्षण है। आजादी के अमृतकाल में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने असाधारण प्रयासों से स्वतंत्र भारत की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप संसद को मूर्त रूप दिया है। यह भवन देश की आकांक्षाओं एवं सपनों को पूरा करेगा। यह भवन भारतीय वास्तुशिल्प का बेहतरीन उदाहरण है। पुराने संसद की तुलना में इसमें ज्यादा सुविधाएं हैं। सुनहरे भविष्य के निर्माण के लिए यह संसद आने वाले समय में कालजयी निर्णय लेगी।

 

 

कमल और मोर से प्रेरित कालीन किए गए तैयार

उत्तर प्रदेश के करीब 900 कारीगरों द्वारा ‘10 लाख घंटे तक’बुनाई करके बनाए गए कालीन नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा के फर्श की शोभा बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया। लोकसभा और राज्यसभा के कालीनों में क्रमशः राष्ट्रीय पक्षी मोर और राष्ट्रीय पुष्प कमल के उत्कृष्ट रूपों को दर्शाया गया है। ये कालीन तैयार करने वाली 100 साल से अधिक पुरानी भारतीय कंपनी ‘ओबीटी कार्पेट’ ने कहा कि बुनकरों ने लोकसभा तथा राज्यसभा के लिए 150 से अधिक कालीन तैयार किए और ‘फिर उनकी 35,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैले दोनों सदनों की वास्तुकला के अनुरूप अर्ध-वृत्त के आकार में सिलाई की गई।’

 

आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री' ने उद्घाटन किया : कांग्रेस

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन किए जाने के बाद रविवार को उन पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ऐसे ‘आत्ममुग्ध तानाशाह प्रधानमंत्री’ ने यह उद्घाटन किया है, जिन्हें संसदीय परंपराओं से नफरत है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाली पहली आदिवासी द्रौपदी मुर्मू को उनके संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने दिया जा रहा है।

 

पवित्र 'सेंगोल' भारत के न्याय-सामर्थ्य का प्रतीक-सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा आज नए संसद भवन में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पावन 'सेंगोल' की स्थापना भारत की सांस्कृतिक धरोहरों तथा उत्कृष्ट लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सभी देश वासियों के आदर और विश्वास की समेकित अभिव्यक्ति है। आजादी के अमृत काल में, भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जोड़ता यह राष्ट्रीय कार्य 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' के भाव को और अधिक संवर्धित करेगा।''

 

उद्घाटन  में नहीं आए कांग्रेस सहित 21 दल

नए संसद भवन के उद्घाटन पर विवाद का साया भी रहा है। इस उद्घाटन समारोह में कांग्रेस सहित विपक्ष के 21 दल शामिल नहीं हुए। ये विपक्षी दल नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराने की मांग कर रहे थे। रविवार सुबह पीएम मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया। इस पर कांग्रेस नेता उदित राज ने अपने एक ट्वीट में कहा कि राष्ट्रपति को अपने अधिकार व संविधान की रक्षा के लिए इस्तीफा दे देना चाहिए।

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