मोटापा, मधुमेह और हड्डी की समस्याओं का आयुर्वेद से होगा निदान

आयुष इकाइयों में आयुर्वेद के माध्यम से माेटापा, मधुमेह और हड्डी से जुड़ी समस्याओं का इलाज होगा। शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक संतुलन भी स्थापित किया जाएगा।
व्यक्ति की जीवनशैली और खानपान की आदतों को बदलने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। खासकर पोस्ट कोविड समस्याएं झेल रहे लोगों का यहां शिविर लगाकर निदान किया जाएगा।
आयुर्वेद को चिकित्सा की सबसे प्राचीन व प्रामाणिक उपचार प्रणाली माना जाता है, जो आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक है। पिछले कुछ सालों में निगम ने राजधानी में आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली को मजबूती से स्थापित करने में सफलता हासिल की है।
निगम ने पहले आयुष विभाग की स्थापना की, जिसके अंतर्गत निगम ने 16 आयुर्वेदिक पंचकर्मा अस्पताल, 10 मधुमेह केंद्र, 44 होम्योपैथिक व 36 यूनानी औषधालय स्थापित किए गए हैं। कुछ समय पहले इन केंद्रों में ओपीडी सेवाएं शुरू की गई हैं। अब इनमें सिद्ध और योग के माध्यम से असाध्य रोगों का इलाज किया जाएगा।
इन केंद्रों में हर्बल गार्डन और नक्षत्र वाटिका विकसित की जाएगी, जिनमें आयुर्वेदिक पौधे लगाए जाएंगे। कोरोना महामारी के दौरान भारी संख्या में लोगों ने अंग्रेजी दवाओं के साथ साथ आयुर्वेदिक उपचार किया। मौजूदा समय आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की ओर युवा पीढ़ी का भी विश्वास बढ़ा है।
निगम को राजस्व और दिल्ली को मिला स्वास्थ्य लाभ
पिछले वित्त वर्ष के दौरान निगम के आयुर्वेदिक अस्पतालों व औषधालयों में करीब 4,55,676 से अधिक रोगियों का इलाज हुआ है। होम्योपैथिक औषधालयों में 2,57,619 से अधिक रोगियों और यूनानी औषधालयों में 1,17,381 से अधिक रोगियों का उपचार किया गया है। पंचकर्मा उपचार के माध्यम से निगम ने 27,22,95 रुपये से अधिक का राजस्व कमाया है। मौजूदा वित्त वर्ष ने निगम अपनी आयुष सेवाओं को और प्रगतिशील बनाने की तैयारी कर रहा है।
