पेट्रोल डीजल पर : 11 रुपए 70 पैसे तक घट सकते हैं दाम
_जयपुर :कच्चे तेल की कीमतों में आई भारी कमी का फायदा तेल कंपनियां ग्राहकों को देने से बच रही हैं। इस साल अप्रेल से पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर होने से पहले देखें तो एक साल में पेट्रोल की कीमतें 30 फीसदी और डीजल की 25 फीसदी बढ़ी थी। 29 मार्च 2021 को पेट्रोल 90.78 रुपए लीटर और डीजल 81 रुपए लीटर था। इस साल मार्च में पेट्रोल 108 रुपए और डीजल 93 रुपए को पार कर गया था। पिछले 3 माह में कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार में 26 डॉलर सस्ता हुआ है, पर कंपनियों ने तेल के भाव को स्थिर रखा है। इसका असर ग्राहकों की जेब पर हो रहा है। जानकारों का मानना है कि अगर इस अनुपात के आधार पर तेल कंपनियां कीमतों में कमी करती तो पेट्रोल और डीजल 11.70 रुपए के करीब सस्ता हो सकते थे। 6 जून को कच्चा तेल 120 डॉलर प्रति बैरल था, जबकि अब यह 94 डॉलर प्रति बैरल पर हैं। आपको बता दें कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें 7 अप्रेल से स्थिर हैं यानी इनमें न तो बढ़ोतरी हुई और न ही गिरावट हुई। विश्लेषकों का कहना है कि आगे कच्चे तेल की कीमतें 80.85 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं। एक डॉलर घटने या बढ़ने से 45 पैसे का होता है असर कच्चा तेल अगर एक बैरल पर एक डॉलर कम या ज्यादा होता है तो देश की तेल कंपनियों को एक लीटर पर 45 पैसे का असर होता है। इस तरह से देखा जाए तो 26 डॉलर के आधार पर 11.70 रुपए पेट्रोल और डीजल की कीमतें घटनी चाहिए थी। देश की तीन प्रमुख तेल कंपनियों बीपीसीएल, एचपीसीएल और इंडियन ऑयल को जून तिमाही में 18,480 करोड़ रुपए का भारी-भरकम नुकसान हुआ था। तेल कंपनियों को सरकार देगी 20 हजार करोड़ उधर, सरकार तेल कंपनियों को 20 हजार करोड़ रुपये देने पर विचार कर रही है। हालांकि, पेट्रोलियम मंत्रालय ने 28,000 करोड़ रुपए की मांग की थी, पर वित्त मंत्रालय इसे 20 हजार करोड़ के बारे में सोच रहा है। कंपनियों ने हाल के समय में चुनावी मौसम और महंगाई की दरों को कम करने के लिए तेल की कीमतों को नहीं बढ़ाई हैं, जबकि भाव को बढ़ाना या घटाना इन्हीं के अधिकार क्षेत्र में है।_