गुलाबी गणगौर के अवसर पर विशाल बावा पधारे गुलाबी गणगौर की सवारी में गणगौर बाग
नाथद्वाराDarpan Paliwal । प्रभु श्रीनाथजी की नगरी में चार दिवसीय गणगौर महोत्सव के अंतर्गत शनिवार को गुलाबी गणगौर का मेला लगा, जिसमें सैंकड़ों लोगों ने पहुंच लुत्फ लिया।
मंदिर से परंपरागत रूप से तीसरे दिन गुलाबी गणगौर की सवारी निकाली गई। जिसमे पुष्टि मार्गीय प्रधान पीठ के तिलकायत श्री के पुत्र गोस्वामी विशाल बावा भी गुलाबी गणगौर की सवारी में गणगौर बाग पधारे।सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर चौपाटी, देहली बाजार, गोविंद चौक, पिंजारा घाटी, बड़ा बाजार होकर इमली नीचे से बनास नदी किनारे स्थित गणगौर बाग पहुंची। जहां पर श्रद्धालुओं ने गणगौर के मेले में भ्रमण का आनंद लिया। सवारी में मंदिर मंडल के श्रीनाथ गार्ड के जवान सिर पर गुलाबी रंग का साफा बांध हाथों में शस्त्र लेकर मंदिर मंडल के श्रीनाथ बैंड की मधुर ध्वनि के साथ कदम से कदम मिलाते हुए चल रहे थे। वहीं, रिसाला चौक से की विभिन्न झांकियों ऊंट-घोड़ों के साथ सवारी में शामिल होकर गणगौर बाग पहुंची।
गुलाबी गणगौर के अवसर पर गणगौर बाग में भव्य मेला भी लगा। इसमें शहर व आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में स्त्री-पुरुष और युवाओं तथा बच्चों ने शिरकत की। लोगों ने मेले में चाट-पकौड़ी, कचौरी-समोसे, आईसक्रीम कुल्फी सहित विविध व्यंजनों का स्वाद लिया। साथ ही डोलर-चकरी में झूलने का भी आनंद लिया। वहीं बाग में स्थापित की गई ईशर-गणगौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
गुलाबी गणगौर पर श्रीजी का धराया विशेष श्रृंगार
श्रीजी प्रभु को गणगौर के तीसरे दिन गुलाबी गणगौर पर श्रीनाथजी और लाडले लाल प्रभु लालन जी को गुलाबी रंग के शृंगार धराया गया।
श्रीजी को इस अवसर पर छोटा कमर तक हल्का श्रृंगार धराया जाता है। गुलाबी मीना तथा सोने के सर्व आभरण और हीरे की हमेल धरायी गई।श्रीमस्तक पर गुलाबी रंग की गोल पाग के ऊपर सिरपैंच, लूम, तथा गोल चमक की चंद्रिका एवं बायीं ओर शीशफूल धराये एवं श्रीकर्ण में कर्णफूल धराई गई।चैत्री गुलाब के पुष्पों की दो सुन्दर माला धरायी गई। श्रीहस्त में पुष्पछड़ी, गुलाबी मीना के वेणुजी एवं एक वेत्रजी धराये गई।इस अवसर पर पट गुलाबी और गोटी चांदी की आती हैं।