देश में कोरोना संक्रमण में तेजी पर मंडाविया ने राज्यों से सतर्क और तैयार रहने को कहा; हॉटस्पॉट की पहचान के निर्देश
देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को एक समीक्षा बैठक की और राज्यों को सतर्क रहने और कोविड-19 प्रबंधन के लिए तैयार रहने की सलाह दी। राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रमुख एवं अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ आभासी रूप से आयोजित बैठक में मंडाविया ने इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) के मामलों की निगरानी के द्वारा आपातकालीन हॉटस्पॉट की पहचान करने और परीक्षण एवं टीकाकरण में तेजी लाने और अस्पताल के बुनियादी ढांचे की तैयारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
जीनोम सीक्वेंसिंग को बढ़ाने और सकारात्मक नमूनों के पूरे जीनोम सीक्वेंसिंग को बढ़ाने के साथ-साथ उन्होंने कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने के बारे में जागरूकता पैदा करने पर भी जोर दिया। मंडाविया ने कहा कि केंद्र और राज्यों को सहयोगात्मक भावना से काम करना जारी रखने की जरूरत है, जैसा कि पिछली बार कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के दौरान किया गया था।
10-11 अप्रैल को मॉक ड्रिल के निर्देश
उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से 10 और 11 अप्रैल को सभी अस्पतालों के बुनियादी ढांचे का मॉक ड्रिल करने और आठ और नौ अप्रैल को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा करने का भी आग्रह किया।
WHO कोरोना के एक वैरिएंट पर बारीकी से नजर रख रहा
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आगे सूचित किया गया कि वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कोरोना के एक वैरिएंट पर बारीकी से नजर रख रहा है। डब्ल्यूएचओ XBB.1.5 और छह अन्य वेरिएंट (BQ.1, BA.2.75, CH.1.1, XBB, XBF और XBB। 1.16) की निगरानी कर रहा है।
साथ ही इस बात पर प्रकाश डाला गया कि जहां ओमिक्रॉन और इसकी उप-वंशावली प्रमुख वैरिएंट बनी हुई है, वहीं अधिकांश वैरिएंट में बहुत कम या कोई महत्वपूर्ण संप्रेषणीयता (Transmissibility), रोग की गंभीरता या प्रतिरक्षा बचाव नहीं है। XBB.1.16 का प्रचलन फरवरी में 21.6 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2023 में 35.8 प्रतिशत हो गया है। हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु दर में वृद्धि का कोई सबूत सामने नहीं आया है।
23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में परीक्षण औसत से कम
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, बैठक के दौरान यह देखा गया कि 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 10 लाख के औसत पर परीक्षण राष्ट्रीय औसत से कम थे।मंडाविया ने कहा कि नए वेरिएंट के बावजूद, 'टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन' की पांच गुना रणनीति कोविड प्रबंधन के लिए जांची-परखी रणनीति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इससे उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य के उपाय करने में मदद मिलेगी।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बताया गया कि देश में कोविड-19 मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। सात अप्रैल को समाप्त सप्ताह में औसत दैनिक मामले 17 मार्च को समाप्त सप्ताह में 571 से बढ़कर 4,188 हो गए हैं और सात अप्रैल को समाप्त सप्ताह में साप्ताहिक सकारात्मकता 3.02 प्रतिशत तक हो गई है। यह भी बताया गया कि जहां भारत ने प्राथमिक टीकाकरण का 90 प्रतिशत से अधिक कवरेज हासिल कर लिया है, वहीं एहतियाती खुराक का कवरेज बहुत कम है।
टीकाकरण में तेजी लाने की सलाह
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी पात्र आबादी, विशेष रूप से बुजुर्गों और कमजोर जनसंख्या समूह के टीकाकरण में तेजी लाने की सलाह दी।मंडाविया ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। अस्पताल के बुनियादी ढांचे में सुधार सहित कोविड प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक और विस्तृत चर्चा हुई।
इन राज्यों की स्थिति चिंताजनक
दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु के सबसे अधिक जिले रेड अलर्ट में हैं। दिल्ली के 11 में से नौ जिलों में सबसे अधिक संक्रमण है, दिल्ली के एक छोर पर गुरुग्राम-फरीदाबाद तो वहीं, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में एक समान स्थिति देखने को मिल रही है। इन तीनों जिलों में संक्रमण दर क्रमश: 12.84, 12.06 और 11.72 फीसदी है।
नए स्वरूप का बर्ताव पता लगा पाना फिलहाल मुश्किल
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर कहा कि सरकार इस पर लगातार नजर बनाए हुए है और राज्यों को एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के लगातार नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं, जो चिंताजनक हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के वैरिएंट और सब वैरिएंट्स के मामलों की स्टडी की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अभी तक जो मामले सामने आए हैं, उन्हें खतरनाक नहीं कहा जा सकता है। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना मामलों में उछाल को देखते हुए सावधानी बरतनी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना का नया वेरिएंट कैसा बर्ताव करेगा, इसके बारे में फिलहाल कुछ कहना मुश्किल है।